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PR Sreejesh: भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीत कर गोलकीपर श्रीजेश को दी शानदार विदाई

PR Sreejesh Biography: श्रीजेश ने मैच में भी शानदार बचाव करते हुए स्पेन के कई हमलों को नाकाम कर दिया। स्पेन को मैच के आखिरी मिनट में भी पेनल्टी कार्नर मिला था जिसे श्रीजेश ने नाकाम कर दिया।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 8 Aug 2024 4:14 PM IST (Updated on: 10 Aug 2024 6:17 PM IST)
PR Sreejesh: भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीत कर गोलकीपर श्रीजेश को दी शानदार विदाई
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PR Sreejesh in Olympic 2024: बोर्ड परीक्षा में महज 60 नंबर पाने के लिए हॉकी टीम ज्वॉइन कर लिया। ज्यादा खर्च न हो और कुछ अधिक करना न पड़े इसलिए गोल कीपर बन गए। लेकिन जब पता चला कि गोलकीपर की किट खुद लेनी पड़ेगी तो मानों संकट छा गया। पिता का हौंसला इतना बुलंद था कि उन्होंने गाय बेचकर किट दिला दी। ये किसी फिल्म या कोई काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि भारतीय हॉकी टीम के हीरो पीआर श्रीजेश की है। पीआर श्रीजेश की कड़ी मेहनत ही थी कि आज भारतीय टीम ने स्पेन को 2-1 से हरा कर पेरिस ओलपिंक में कांस्य मेडल पर कब्जा जमा लिया। तक पहुंचाया।

सेमीफाइनल मुकाबले में जर्मनी से 3-2 से हारने के बाद आज भारतीय टीम ने स्पेन के खिलाफ शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। भारत को जीत दिलाने में कप्तान हरमनप्रीत सिंह की बड़ी भूमिका रही जिन्होंने पेनल्टी कॉर्नर से दोनों गोल किए। हाफ टाइम तक दोनों टीमों का स्कोर 1-1 से बराबर था।

इस जीत के जरिए भारतीय हॉकी टीम ने अपने गोलकीपर पीआर श्रीजेश को शानदार विदाई दी है जो भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेल रहे थे। श्रीजेश ने इस मैच में भी शानदार बचाव करते हुए स्पेन के कई हमलों को नाकाम कर दिया। स्पेन को मैच के आखिरी मिनट में भी पेनल्टी कार्नर मिला था जिसे श्रीजेश ने नाकाम कर दिया। पेरिस ओलंपिक के दौरान भारतीय हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम को भी हराया था।

ओलपिंक में 'दीवार' बनें श्रीजेश

पेरिस ओलंपिक के हॉकी क्वार्टरफ़ाइनल मैच में पीआर श्रीजेश दीवार बन कर खड़े रहे। उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन की कई कोशिशों को नाकाम कर दिया और विपक्षी टीम पीआर श्रीजेश को पार नहीं कर सकी। उनके ड्रेग फ्लिकर वार्ड लगातार पेनल्टी कॉर्नर लेने में नए-नए तरीके अपनाते रहे, पर श्रीजेश से पार पाने में वो कामयाब नहीं हो सके। इस मैच में भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच निर्धारित समय में मुकाबला 1-1 से बराबर रहा। अब भारतीय पुरुष हॉकी टीम का गुरुवार यानि आज कोलंबस के यवेस-डु-मैनोइर स्टेडियम में पेरिस 2024 ओलंपिक हॉकी कांस्य पदक मैच में स्पेन से भिड़ेगी।



यहां से शुरू हुआ श्रीजेश का हॉकी करियर

पीआर श्रीजेश केरल के एर्नाकुलम जिले के किझक्कम्बलम गांव में किसान परिवार में जन्मे। पीआर श्रीजेश शुरुआत में हॉकी में करियर बनाने के बारे में नहीं सोचते थे क्योंकि बचपन बड़ी मुश्किलों में गुजरा। श्रीजेश अपने हॉकी के करियर पर बताते हैं कि एक गोलकीपर था जिसने मुझसे कहा, आओ केरल के लिए खेलना आसान है। हम एक अच्छी टीम हैं, हम रोजाना ट्रेनिंग करते हैं और हम किसी को भी हरा सकते हैं।10वीं तक आप केरल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खेल सकते हैं। उन दिनों केरल में खिलाड़ियों के लिए योजना थी कि आप अपनी राज्य टीम के लिए खेलते हैं, तो आपको स्कूल बोर्ड परीक्षा में 60 अंक मिलते हैं। तब मैंने हॉकी स्टिक उठाई और कलम नीचे रख दी। मेरे मन में ये विचार था कि अगर हॉकी खेलूंगा तो मुझे 60 अंक मिलेंगे। इस तरह श्रीजेश का हॉकी करियर शुरू हुआ और बुलंदियों तक पहुंचा।



वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर बनें श्रीजेश

साल 2021 में पीआर श्रीजेश को शानदार प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित 'वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर' पुरस्कार भी मिला। श्रीजेश यह सम्मान पाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। 2020 में भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने साल 2019 में अपने प्रदर्शन के लिए यह सम्मान हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी थीं। श्रीजेश ने इस पुरस्कार के लिए स्पेन के खेल पर्वतारोही अल्बर्टो गिन्स लोपेज और इटली के वुशु खिलाड़ी मिशेल जिओर्डानो को पीछे छोड़ दिया।


ओलंपिक में खेल रहें अपना आखिरी मैच

पीआर श्रीजेश ने ओलिपिंक में जाने से पहले ही घोषणा कर दिया था कि यह उनका चौथा ओलंपिक और आख़िरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है। इसके बाद वग संन्यास ले लेंगे। मालूम हो कि श्रीजेश अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 22 बार पेनल्टी शूटआउट में गोल बचाने के लिए खड़े हुए हैं और 12 बार भारत को जीत दिलाई है। इससे पहले भी भारत ने तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टरफ़ाइनल में भी जीत हासिल की थी.।उस समय भारतीय टीम निर्धारित समय में 3-1 से जीत गई थी, लेकिन इस बार भारतीय टीम को जीत के लिए पेनल्टी शूटआउट तक संघर्ष करना पड़ा।



Snigdha Singh

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Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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