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Babar Azam: पूर्व पाकिस्तानी दिग्गज ने वीरेन्द्र सहवाग से क्यों कर दी बाबर आजम की तुलना, जानें हैरान करने वाला बयान
Babar Azam: बांग्लादेश के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में बाबर आजम पूरी तरह से फ्लॉप रहे। अब बाबर की तुलना वीरेन्द्र सहवाग से होने लगी है।
Babar Azam: पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम बिल्कुल अलग बल्लेबाज हैं, और वहीं भारत के पूर्व महान सलामी बल्लेबाज रहे वीरेन्द्र सहवाग भी बिल्कुल अलग तरह के बल्लेबाज रहे हैं। बाबर जहां शुरुआत में समय लेकर एक लंबी पारी खेलने का माद्दा रखते हैं, तो वहीं वीरेन्द्र सहवाग पहली ही गेंद से ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करके बड़ा स्कोर भी कर लेते तो कभी जल्दी भी आउट हो जाते। एक तरफ तो पाकिस्तानी बाबर आजम में धैर्य जबरदस्त है, तो वहीं एक तरफ वीरू में अटैकिंग मोड को अपनाने का फॉर्मूला खतरनाक है।
राशिद लतीफ ने बाबर आजम की तुलना वीरेन्द्र सहवाग से की
बाबर अलग शैली के बल्लेबाज हैं, तो वीरेन्द्र सहवाग भी पूरी तरह से अलग स्टाइल में खेलते रहे हैं, ऐसे में दोनों ही तुलना कैसे संभव है। यहां एक पाकिस्तानी पूर्व दिग्गज ने बाबर आजम की तुलना वीरेन्द्र सहवाग से कर डाली है। पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज रहे राशिद लतीफ का मानना है कि बाबर आजम भारत के वीरेन्द्र सहवाग जैसे हैं। लेकिन यहा लतीफ का दोनों ही बल्लेबाजी स्टाइल नहीं बल्कि फॉर्म जाने के बाद की तुलना की है। लतीफ का मानना है कि बाबर सहवाग की तरह हैं, जो एक बार फॉर्म खो दें तो मुश्किल से हासिल होती है।
राशिद लतीफ ने कहा, बाबर हैं वीरू की तरह, एक बार फॉर्म जाने के बाद मुश्किल से लौटती
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ ने स्पोर्ट्स तक के साथ बात करते हुए कहा कि, "बाबर आजम का दिमाग शांत नहीं है। वह वीरेंद्र सहवाग की तरह हैं, जिनकी फॉर्म एक बार चली जाए तो बड़ी मुश्किल से वापस आती है। क्रिकेट दिमाग का खेल है। बाबर आजम का दिमाग शांत नहीं है। उनको पता है उन्होंिने क्या गलती की है। बाबर को शाहीन शाह अफरीदी से कप्ताननी नहीं लेनी चाहिए थी। उन्होंकने मना किया था, हालांकि, इसके बाद भी उन्हेंै नेतृत्वा की जिम्मेोदारी दी गई। विश्वं कप में हार के बाद वह और दबाव में आ गए।"
वीरेन्द्र सहवाग की एक बार फॉर्म जाने के बाद जल्द नहीं आती थी वापस- लतीफ
इसके बाद राशिद लतीफ ने आगे वीरेन्द्र सहवाग की तुलना सचिन तेंदुलकर से साथ करते हुए कहा कि, "सचिन तेंदुलकर की तकनीक काफी अच्छीर थी। ऐसे में वह जल्दे खराब फॉर्म से बाहर निकल आते थे। हालांकि, वीरेंद्र सहथवाग के साथ ऐसा नहीं था। सहवाग की फॉर्म अगर खराब होती थी तो फिर लंबे समय तक रहती थी। इन दिनों बाबर आजम के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। पाकिस्तामन के पूर्व कप्ता न गेंद का चयन नहीं कर पा रहे हैं।"