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पहलवान योगेश्वर दत्त की हो सकती है 'चांदी', बस एक फैसले का है इंतजार

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Published on: 30 Aug 2016 1:52 AM GMT
पहलवान योगेश्वर दत्त की हो सकती है चांदी, बस एक फैसले का है इंतजार
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नई दिल्लीः साल 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक खेलों में कुश्ती के मुकाबले में योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। तब से चार साल बीत चुके हैं। योगेश्वर को इसका मलाल भी रहा कि वह गोल्ड मेडल नहीं जीत सके। इस बार रियो ओलंपिक में तो वह पहले ही राउंड में दौड़ से बाहर हो गए और उनका दुख और बढ़ गया, लेकिन उनकी किस्मत चमकती दिख रही है। जो ब्रॉन्ज मेडल उन्होंने जीता था, वह अब 'चांदी' यानी सिल्वर में बदल सकता है।

योगेश्वर का मेडल कैसे बदलेगा?

योगेश्वर को लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले रूसी पहलवान बेसिक कुदुखोव ने हराया था। कुदुखोव फाइनल तक पहुंचे थे और सिल्वर मेडल हासिल किया था, लेकिन बाद में वह डोपिंग के दोषी पाए गए। ऐसे में कुदुखोव का सिल्वर मेडल छिनना तय माना जा रहा है। हालांकि, अभी तक इस बारे में फैसला नहीं आया है। एक-दो दिन में फैसला आने के बाद योगेश्वर के खाते में सिल्वर मेडल आ सकता है।

कैसे ब्रॉन्ज जीते थे योगेश्वर?

प्री-क्वॉर्टर फाइनल में कुदुखोव ने योगेश्वर को हराया था। फिर वह फाइनल में पहुंच गए थे। इससे योगेश्वर को रेपचेज राउंड खेलने का मौका मिला था। रेपचेज में योगेश्वर ने पहले प्यूर्टो रिको के फ्रैंकलिन गोमेज और फिर मसूद इसमाइपॉर को हराया था। ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबले में योगेश्वर ने उत्तर कोरिया के री जॉन्ग म्यूंग को पटकनी दी थी। अगर योगेश्वर को अब सिल्वर मेडल मिलता है तो उत्तर कोरियाई पहलवान को ब्रॉन्ज मेडल मिल जाएगा।

अब भी है एक पेंच

इस मामले में एक पेंच अभी भी फंसा हुआ है। वैसे डोप टेस्ट में तो कुदुखोव फेल हो गए, लेकिन उनकी रूस में एक कार हादसे में मौत हो चुकी है। खेल पंचाट की सुनवाई के दौरान कुदुखोव के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल अब जिंदा नहीं है, इसलिए सुनवाई बंद कर देनी चाहिए। लगभग ढाई महीने पहले पंचाट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब रियो ओलंपिक खत्म होने के बाद फैसला सुनाए जाने की उम्मीद की जा रही है।

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