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भड़काऊ बयान मामले में अकबरुद्दीन ओवैसी कोर्ट से बरी, मंच से कहा था- '15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो…'
कोर्ट ने कहा, कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत नहीं दे पाए। हालांकि, कोर्ट ने अकबरुद्दीन ओवैसी को हिदायत दी। कहा, कि वो कोई भी विवादित बयान देने से बचें।
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) को भड़काऊ भाषण (Hate Speech) मामले में कोर्ट (Court) ने बड़ी राहत दी है। हैदराबाद के नामपल्ली मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने AIMIM विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को भड़काऊ भाषण के दो मामलों में बरी कर दिया है। ये दोनों मामले निरमल और निजामाबाद जिले से जुड़े हुए थे।
कोर्ट ने कहा, कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत नहीं दे पाए। हालांकि, कोर्ट ने अकबरुद्दीन ओवैसी को हिदायत दी। कहा, कि वो कोई भी विवादित बयान देने से बचें। कोर्ट ने आगे कहा, कि देश कि अखंडता का ध्यान रखते हुए भाषा पर नियंत्रण जरूरी है। आपको बता दें, कि ये मामला साल 2012 का है। जब अकबरुद्दीन ओवैसी ने निजामाबाद और निरमल में भड़काऊ भाषण दिए थे।
समुदाय विशेष के खिलाफ उकसाऊ बातें कहने का आरोप
अकबरुद्दीन ओवैसी से जुड़े इस मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अकबरुद्दीन ओवैसी पर सार्वजनिक भाषण के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ उकसाऊ बातें कहने के आरोप लगे थे।
74 गवाहों से हुई थी जिरह
जानकारी के लिए बता दें, कि इस मामले में सीआईडी (CID) ने वर्ष 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में करीब 74 गवाह पेश किए गए थे। नजीमाबाद मामले में 41 तथा निरमाल मामले में 33 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे। हालांकि, कोर्ट ने ने गवाहों औऱ सबूतों को पर्याप्त नहीं माना।