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Shiv Sena: शिवसेना पर कब्जे की जंग और तीखी, चुनाव आयोग से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे

Shiv Sena: शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उद्धव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है।

Anshuman Tiwari
Published on: 25 July 2022 1:42 PM IST
Shiv Sena
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Shiv Sena (image social media)

Shiv Sena: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना में हुई बगावत के बाद पार्टी पर कब्जे की जंग और तीखी हो गई है। पार्टी पर शिंदे गुट के कब्जे को रोकने के लिए शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उद्धव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है। एकनाथ शिंदे गुट की ओर से चुनाव आयोग में ठेके गए दावे में शिंदे खुद को ही असली शिवसेना बताया गया है।

शिंदे गुट की ओर से किए गए इस दावे के बाद चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से अपने-अपने पक्ष में दस्तावेज पेश करने को कहा है। आयोग की ओर से दोनों पक्षों को इसके लिए 8 अगस्त तक का समय दिया गया है। आयोग का कहना है कि 8 अगस्त तक दोनों पक्ष अपने दस्तावेज और आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं।

आयोग को फैसले से रोकने की मांग

शिवसेना में 40 विधायकों की बगावत के बाद ही पार्टी पर कब्जे की जंग शुरू हो गई थी। दोनों पक्षों के नेताओं की ओर से जारी बयान में अपने-अपने गुट को असली शिवसेना बताने का दावा किया जा रहा है। इस बीच यह मामला चुनाव आयोग पहुंचने के बाद गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। उद्धव गुट की ओर से चुनाव आयोग में पहले ही कैविएट दाखिल की गई थी कि उनका पक्ष सुने बिना इस मामले में कोई फैसला न लिया जाए। इस पर आयोग की ओर से दोनों पक्षों को अपने-अपने दस्तावेज पेश करने को कहा गया है।

दूसरी ओर उद्धव गुट ने कोर्ट में दायर अर्जी में कहा है कि चूंकि यह मामला अभी अदालत में लंबित है, इसलिए चुनाव आयोग को इस बाबत कोई भी फैसला लेने से रोका जाना चाहिए। दोनों गुटों की ओर से एक-दूसरे के विधायकों की सदस्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिकाएं लंबित हैं। अब उद्धव की ओर से मांग की गई है कि चुनाव आयोग को असली शिवसेना के संबंध में फैसला लेने से रोका जाए।

उद्धव का भाजपा पर तीखा हमला

शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि पार्टी में पहले भी कई बार बगावत हो चुकी है मगर इस बार पार्टी में हुई बगावत का मकसद कुछ और है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग शिवसेना का अस्तित्व पूरी तरह खत्म करने की साजिश में जुटे हुए हैं। रविवार को दक्षिण मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना सही मायने में हिंदुत्व की राजनीति करती है जबकि दूसरी ओर भाजपा हिंदुत्व का नाटक रचकर लोगों का वोट हथियाने की कोशिश में जुटी हुई है।

उन्होंने दावा किया कि अभी भी काफी संख्या में निष्ठावान कार्यकर्ता शिवसेना के साथ जुड़े हुए हैं और शिवसेना को खत्म करने की विरोधियों की साजिश कभी कामयाब नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पैसे की ताकत पर शिवसेना को खत्म करने का कुचक्र रचा जा रहा है। यह लड़ाई निष्ठा और धनबल के बीच में है जिसमें आखिरकार निष्ठावान शिवसेना कार्यकर्ताओं को जीत हासिल होगी।

कार्यकर्ताओं से मांगा समर्थन

अपने जन्मदिन की चर्चा करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि 27 जुलाई को अपने जन्मदिन पर मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं से गुलदस्ता नहीं बल्कि यह भरोसा चाहिए कि वे पार्टी को बचाने की कोशिश में जुटे रहेंगे और अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है और ऐसे में हमें जोश के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं के ठोस समर्थन की भी जरूरत है।

अपने संबोधन के दौरान उद्धव ने अपने चचेरे भाई और मनसे के प्रमुख राज ठाकरे पर भी बिना नाम लिए हुए निशाना साधा।। राज ठाकरे ने हाल में कहा था कि जरूरत पड़ने पर वे शिवसेना के 40 बागी विधायकों को अपनी पार्टी में विलय करने की अनुमति प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना का नाम जुड़ा होने के कारण ही 40 बागी विधायक चुनाव जीतने में कामयाब हुए मगर अब उन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया है।



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Prashant Dixit

Prashant Dixit

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