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Bihar: नीतीश ने दिया तेजस्वी को 'जोर का झटका धीरे से', जगदानंद सिंह के छोटे बेटे JDU में शामिल

Bihar Politics: अजीत सिंह ने मीडिया को बताया, कि उनके पिता जगदानंद सिंह के राजद में रहने की वजह से वो पार्टी के साथ कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे।आरजेडी में सीखने को अब बहुत कुछ नहीं है।

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Written By aman
Published on: 8 April 2022 6:40 PM IST (Updated on: 8 April 2022 6:42 PM IST)
Bihar: नीतीश ने दिया तेजस्वी को जोर का झटका धीरे से, जगदानंद सिंह के छोटे बेटे JDU में शामिल
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Bihar Politics : राजनीति में कब कौन सा ऊंट किस करवट बैठ जाए, कब कौन पाला बदल ले, कहा नहीं जा सकता। यूं कहें तो राजनीति में कभी भी और कुछ भी संभव है। ये बात आज एक बार फिर तब सिद्ध हुई जब जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को बड़ा झटका देते हुए आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे इंजीनियर अजीत सिंह को अपने खेमे में कर लिया।

जी, बिहार की राजनीति की ये आज की सबसे बड़ी खबर है। जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह (Ajit Singh) ने जदयू का दामन थामने का फैसला किया। आगामी 12 अप्रैल को अजीत सिंह विधिवत तरीके से जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। मीडिया से बात करते हुए अजीत सिंह ने अपने इस फैसले के बारे में बताया।

आरजेडी में सीखने को अब कुछ नहीं

अजीत सिंह ने मीडिया को ये भी बताया, कि उनके पिता जगदानंद सिंह के राजद में रहने की वजह से वो पार्टी के साथ कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे। उन्होंने आगे कहा आरजेडी (RJD) भी समाजवादी सोच की पार्टी है और जदयू भी। आरजेडी में सीखने को अब बहुत कुछ नहीं है। मगर, नीतीश कुमार ने जिस ढंग से बीते 15 साल शासन से सरकार चला रहे हैं, उसके बाद ऐसा लगता है कि उनके साथ सीखने को ज्यादा मिलेगा। यही कारण है कि उन्होंने आरजेडी छोड़कर जदयू की सदस्यता ग्रहण करने का फैसला किया है।

क्या परिवार में आएगी दरार?

जेडीयू में शामिल हो रहे जगदानंद सिंह के बेटे इंजीनियर अजीत सिंह ने उनके इस फैसले से परिवार में टूट की बात पर कहा, कि 'इस फैसले से परिवार में कोई टूट नहीं होगी। अपने पिता के बारे में अजीत कहते हैं उन्होंने अपने सभी बच्चों को खुद फैसले लेने की छूट दे रखी है। उदहारण देते हुए कहा, 'हमारे बड़े भाई सुधाकर सिंह वर्तमान में आरजेडी के ही विधायक हैं। लेकिन वो कभी बीजेपी में शामिल थे। तब भी परिवार एक रहा। उसमें कोई दरार नहीं आई। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा, यह फैसला राजनीतिक है, परिवार पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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