×

Caste based Census: जाति आधारित गणना को नीतीश कुमार की कैबिनेट से मिली मंजूरी

Bihar Caste Based Census: बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने को लेकर नीतीश सरकार खासी एक्टिव नजर आ रही है। बुधवार को सर्वदलीय बैठक में एक मत से प्रस्ताव पारित होने के बाद सरकार ने आज इसे कैबिनेट से भी पास करवा लिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 2 Jun 2022 2:51 PM GMT
bihar cm nitish kumar held high level review meeting on incidents of lightning
X

Bihar CM Nitish Kumar (image credit social media)

Bihar Caste Census: बिहार (Bihar) में जाति (Caste) आधारित सर्वेक्षण कराने को लेकर नीतीश सरकार खासी एक्टिव नजर आ रही है। बुधवार को सर्वदलीय बैठक (joint meeting) में एकमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद सरकार ने आज इसे कैबिनेट से भी पास करवा लिया। गुरूवार को राजधानी पटना में बुलाई गई कैबिनेट की मीटिंग में 12 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी। इनमें जाति आधिरत सर्वेक्षण भी शामिल है। बता दें कि बिहार सरकार अपने संसाधन के बदौलत जातीय जनगणना कराने जा रही है। बता दें कि कल यानि बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम दल शामिल हुए।

सभी दल पहले से ही जातीय जनगणना कराने पर एकमत थे सिवाय बीजेपी को छोड़कर। यही कारण दो बार विधानमंडल के दोनों सदनों से जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित होने के बाद भी इस पर कोई काम नहीं हो सका। केंद्र सरकार ने भी बिहार सरकार की मांग को ठुकराते हुए जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद इसपर राज्य में नए सिरे से गोलबंदी देखी गई। विशेषकर सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक दूसरे के करीब आते दिखे। बिहार के सियासी गलियारों में नए सियासी समीकरणों के आहट के बीच बीजेपी ने फौरन इस पर अपना रूख बदला और जातीय जनगणना पर हामी भर दी।

मुस्लिम धर्म के जातियों की भी होगी गणना बिहार में होने जा रहे जाति आधारित सर्वेक्षण में हिंदू धर्म के साथ मुस्लिम धर्म में मौजूद जातियों का भी सर्वक्षण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना के अनुरूप सिर्फ हिंदुओं की ही नहीं बल्कि मुस्लिम जातियों की भी आधिकरिक रूप से गिनती की जाएगी। बता दें कि मुस्लिम धर्म में भी सवर्ण, ओबीसी और दलित जातियां हैं। इन समुदायों की शिकायत रही है, मुसलमानों को मिलने वाली अधिकांश सुविधाओं को सवर्ण समाज के मुस्लिम हड़प लेते हैं।

ऐसे में उन तक सरकार की कल्याणकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाता हैं। वहीं बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने कहा कि यदि बिहार की नीतीश सरकार जातीय जनगणना कराती है तो उसे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को चिन्हित करने की बात सुनिश्चित करना होगा। बता दें कि बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या बीजेपी के लिए हमेशा से एक ब़ड़ा मुद्दा रहा है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

Next Story