TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सबरीमाला मंदिर में एंट्री को लेकर सरकार ने जारी की विवादित किताब, लेनी पड़ी वापस

Kerala government has released a controversial book regarding entry into the Sabarimala temple, News Track

Alok Srivastava
Written By Alok Srivastava
Published on: 17 Nov 2022 7:57 PM IST (Updated on: 17 Nov 2022 8:01 PM IST)
Sabrimala Temple
X

Sabrimala Temple ( Credit: Social Media)

पतनमथिट्टा (केरल): सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर में तैनात पुलिस कर्मियों को केरल के गृह विभाग की तरफ से बांटी गई एक किताब को विवाद उठने के बाद राज्य सरकार ने वापस ले लिया. किताब में मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री को लेकर सरकार के एक निर्देश पर विवाद उठा था और भाजपा ने आरोप लगाया कि दिशानिर्देश कथित रूप से दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य वाला है. वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत के सिलसिले में सबरीमाला पहुंचे राज्य के देवस्वोम मंत्री के. राधाकृष्णन ने कहा कि आरोपों के मद्देनजर किताब में किसी तरह की चूक पाये जाने पर उसे वापस लेने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने कहा कि किताब पहले ही छप गई थी और इसमें गलती से यह दिशानिर्देश आ गया. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "सरकार का इस मामले में कोई दुर्भावनापूर्ण मकसद नहीं है. हमने सबकुछ अच्छी मंशा के तहत किया है. अगर दिशानिर्देशों में कोई चूक हुई तो उन्हें वापस लेने का निर्देश दिया जाएगा." अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एमआर अजीत कुमार ने भी कहा कि गलतियों में सुधार के बाद जल्द निर्देश-पुस्तिका पुलिस कर्मियों को वितरित की जाएगी.

उन्होंने आगे कहा, "समझा जाता है कि पुरानी किताब को कॉपी कर उसी तरह छाप दिया गया. इसलिए गलती हुई. इसके अलावा, कुछ दूसरी गलतियां भी हमारे नोटिस में आईं. डीजीपी ने इसे वापस लेने और नई किताब जारी करने का निर्देश दिया."

पुस्तिका में आम दिशानिर्देश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के फैसले के मुताबिक सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में एंट्री की इजाज़त है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने सबरीमाला में महिलाओं की एंट्री के मुद्दे और इसे लेकर हुए प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष उल्लेख किये बिना कहा कि अगर वाम सरकार की किताब में 'सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश' संबंधी दिशानिर्देश के पीछे कोई विशेष मंशा है तो इसे तत्काल रोकना बेहतर होगा.

प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, "अगर यह फैसला सबरीमाला को एक बार फिर युद्ध क्षेत्र बनाने तथा लोगों की आस्था पर निशाना साधने के मकसद से लिया गया है तो हम अतीत की कोई बात नहीं भूले हैं. सरकार उन चीजों से पहले पलट चुकी है. अगर आप फिर से इस तरह के कदम उठा रहे हैं तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे. हम सिर्फ इतना कह सकते हैं." भाजपा नेता ने यह भी कहा कि सरकार के लिए इस तरह के कदमों को वापस लेना ही ठीक होगा. सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर वार्षिक मंडलम मकरविलक्कू तीर्थयात्रा की पूर्वसंध्या पर बुधवार को खुल गया.

Alok Srivastava

Alok Srivastava

Next Story