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Hijab Controversy: शायर मुनव्वर राणा की बेटी ने हिजाब बैन के फैसले पर उठाए सवाल, पिता की शायरी कोट कर कही ये बात
Hijab Controversy: कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा मानने से इनकार किया है। मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Famous Poet Munavwar Rana) की बेटी सुमैया राणा ने अदालत के फैसले को अजीब बताते हुए इस पर सवाल उठाया है।
Bangalore: कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) पर भले ही कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) का फैसला आ गया हो, लेकिन इससे हिजाब के विवाद से पटाक्षेप नहीं हो पाया है। उच्च न्यायालय (high Court) ने इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य के स्कूल कॉलेजों में हिजाब (hijab in school colleges) पहनने की इजाजत नहीं मिलेगी। हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा मानने से इनकार करते हुए कहा कि छात्र तयशुदा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं। कोर्ट के इस फैसले पर सियासत गरमा गई है। मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Famous Poet Munavwar Rana) की बेटी ने अदालत के फैसले को अजीब बताते हुए इसपर सवाल उठाया है।
सुमैया राणा ने फैसले पर उठाए सवाल
जाने-माने शायर और बीजेपी (BJP) के कट्टू आलोचक मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा (Sumaiya Rana) ने हिजाब मसले पर कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह सुनकर अजीब लग रहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है। सुमैया ने आगे कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है। वे अपने पिता की एक पंक्ति को कोट करते हुए अपना दर्द बयां करना चाहेंगी। उन्होंने कहा, हमारी बेबसी देखो उन्हेंक हमदर्द कहते हैं, जो उर्दू बोलने वालों को दहशतगर्द कहते हैं। मदीने तक में हमने मुल्के की दुआ मांगी, किसी से पूछ ले इसको वतन का दर्द कहते हैं।
कोर्ट अपने फैसले पर करे विचार
सुमैया राणा ने कोर्ट द्वारा हिजाब को इस्लाम का हिस्सा नहीं बताए जाने पर कुरान की आयत नंबर 33 पढ़कर बताया कि अल्लाह की तरफ से कहा गया है कि बेटियां जब घर से निकले तो खुद को ढक कर निकले। इस्लाम में हालांकि किसी पर जबरदस्ती नहीं है। तालिबानी एक्शन नहीं लिया जाता । उन्होंने कहा कि कोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। हमें दूसरा ऑप्शन खोजना चाहिए, अगर कॉलेज में एक ही यूनिफॉर्म है।
ओवैसी और महबूबा भी उठा चुक हैं सवाल
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Former Jammu and Kashmir CM Mehbooba Mufti) ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताते हुए कहा कि एक तरफ हम महिलाओं की सशक्तीकरण की बात करतें हैं वहीं दूसरी तरफ हम उनकी साधारण पसंद को भी मानने से इनकार कर रहे हैं। यह केवल धर्म का मामला नहीं बल्कि चुनने की आजादी का मामला भी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हिजाब मसले को खास तौर पर उठाने वाले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस फैसले से अपनी असहमित जताते हुए कहा कि असहमत होना मेरा हक है, उम्मीद है कि याचिकाकर्ता इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।