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Supreme court ने सुब्रत राय के गिरफ्तारी वारंट पर लगाई रोक, पटना HC ने दिया था आदेश
सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाईकोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट ने आज सुब्रत राय के अदालत में पेश न होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था।
सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाईकोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट ने आज सुब्रत राय के अदालत में पेश न होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था। हाईकोर्ट की ओर से तीन राज्यों के पुलिस प्रमुखों को सुब्रत राय को गिरफ्तार करके अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया था।
सुब्रत राय के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के तीन घंटे बाद ही देश की शीर्ष अदालत ने इस आदेश पर स्टे लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम के बाद अब अगले आदेश तक सुब्रत राय की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की गई है।
पटना हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक
दरअसल, तमाम निवेशकों ने पैसा न लौटाने के मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर रखी हैं। इस मामले में सुब्रत राय के समन के बावजूद हाई कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। अब इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच ने रोक लगा दी है।
शीर्ष अदालत में सुब्रत राय की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा, कि इस मामले में सुब्रत राय को बेवजह घसीटा जा रहा है। शीर्ष अदालत के सामने यह मामला पेश किए जाने पर जस्टिस खानविलकर ने पूछा कि क्या सुब्रत राय अग्रिम जमानत के लिए अदालत के सामने गए थे? इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस मामले में किसी भी प्रकार से नहीं जुड़े हुए हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी और सशरीर अदालत में उपस्थित होने के आदेश पर अंतरिम रोक का आदेश पारित किया। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की गई है।
पटना हाईकोर्ट ने जारी किया था वारंट
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने आज कड़ा रुख अपनाते हुए सुब्रत राय के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था। हाईकोर्ट की ओर से समन भेजे जाने पर भी सुब्रत राय अदालत में पेश नहीं हुए थे जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था। हाईकोर्ट की ओर से पहले ही सुब्रत राय के पेश न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इसी पर अमल करते हुए कड़ा रुख अपनाया।
पटना हाई कोर्ट ने पहले ही चेतावनी
हाईकोर्ट की ओर से पहले ही सुब्रत राय के पेश न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इसी पर अमल करते हुए कड़ा रुख अपनाया। हाईकोर्ट ने 3 राज्यों के पुलिस प्रमुखों के पास भी इस गिरफ्तारी वारंट को भेजने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर सुब्रत राय की गिरफ्तारी का वारंट उत्तर प्रदेश और बिहार के पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के पास भेजा गया है।
तीन राज्यों के पुलिस प्रमुखों को दिया निर्देश
पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय के गिरफ्तारी का वारंट जारी करते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार के पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि सुब्रत राय को गिरफ्तार करके हाईकोर्ट में पेश किया जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तिथि निर्धारित की है। दरअसल सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में पैसा जमा करने वाले निवेशकों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि समय पूरा हो जाने के बावजूद उनका पैसा नहीं लौटाया जा रहा है। पटना हाईकोर्ट में इस संबंध में 2000 से अधिक लोगों ने याचिका दायर कर रखी है।
हाईकोर्ट ने पहले ही दी थी चेतावनी
पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई की थी। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संदीप कुमार ने निर्देश दिया था कि सुब्रत राय को हर हाल में शुक्रवार को सुबह साढ़े दस बजे हाईकोर्ट में पेश होना होगा। उन्होंने गुरुवार को भी चेतावनी दी थी कि यदि सुब्रत राय शारीरिक रूप से हाईकोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया जाएगा। निवेशकों के वकील प्रत्युष कुमार के मुताबिक, हाई कोर्ट ने सुब्रत राय के वकील से साफ तौर पर कहा था कि आप सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर नहीं डरा सकते। हाईकोर्ट ने गुरुवार को तल्ख लहजे में टिप्पणी की थी कि आखिर सुब्रत राय सहारा कौन हैं जो हाईकोर्ट में नहीं आ सकते। जस्टिस संदीप कुमार का यह भी कहना था कि सुब्रत राय हाईकोर्ट से बड़े नहीं हैं।
सुब्रत राय के वकील की दलील खारिज
दरअसल, पटना हाईकोर्ट की ओर से पहले सुब्रत राय को 11 मई को पेश होने का निर्देश दिया गया था। 11 मई को सुब्रत राय के हाईकोर्ट में पेश न होने पर मामले की सुनवाई 12 मई तक टाल दी गई थी। सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय 12 मई को भी अदालत में पेश नहीं हुए तो हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी दे दी थी। अदालत में सुब्रत राय की ओर से पेश हुए वकील ने सुब्रत राय की वर्चुअल ढंग से पेशी की इजाजत मांगी थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सुब्रत राय के वकील की दलील थी कि उनकी उम्र 74 साल हो चुकी है और उन्होंने जनवरी में ऑपरेशन कराया है। वे अभी भी अस्वस्थ हैं इसलिए उन्हें वर्चुअल ढंग से पेशी की इजाजत दी जानी चाहिए मगर हाईकोर्ट इसके लिए तैयार नहीं हुआ था।