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Prayagraj News: गंगा में जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों के लोगों की बढ़ी मुश्किलें

मानसून के पहले ही गंगा के जलस्तर में आई तेजी

Syed Raza
Written By Syed RazaPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 24 Jun 2021 5:12 AM GMT (Updated on: 24 Jun 2021 5:13 AM GMT)
Prayagraj News: गंगा में जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों के लोगों की बढ़ी मुश्किलें
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Prayagraj News: इस बार समय से पहले बारिश होने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे लोग चिंतित हैं। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले दिनों हुई बारिश का असर संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिल रहा है। यहां पर गंगा नदी का जलस्तर पिछले 3 दिनों के भीतर अचानक लगभग एक मीटर के करीब बढ़ा है, जिसके कारण घाटों पर रहने वाले तीर्थ पुरोहित, नाविक और फेरीवाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तेजी से गंगा में बढ़े पानी के चलते घाटों पर कटान भी देखने को मिल रहा है। अचानक बढ़े जलस्तर ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संगम पर रहने वाले नाविकों का मानना है कि जिस तरीके से अचानक पानी गंगा में बढ़ा है उससे आने वाले दिनों में यहां पर रहने वाले नाविक, तीर्थ पुरोहित और फेरीवालांे की मुश्किल जो है वह बढ़ेगी। क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा है जब मानसून के पहले ही गंगा के जलस्तर में तेजी आई है, साथ ही हरिद्वार, नरौना और कानपुर से भी लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। माना जा रहा है कि अगले 1 से 2 दिनों के भीतर छोड़ा गया पानी प्रयागराज पहुंचेगा तो यहां के जलस्तर में और भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

प्रयागराज के लोगों ने बातचीत में बताया जलस्तर का हाल pic(social media)

प्री मानसून के समय बढ़े गंगा के जलस्तर को संगम तट पर रहने वाले तीर्थपुरोहित शुभ संकेत मान रहें है, खेती और किसानी के लिए भी इसे काफी बेहतर माना जा रहा है। लेकिन प्रयागराज में गंगा के बढ़े जलस्तर से यहां के तटीय इलाके में रहने वाले लोगों की धड़कने भी बढ़ने लगी है। लोगों को आशंका है कि इस बार जिस तरीके से मानसून के पहले गंगा में पानी बढ़ा है उससे मानसून आने के समय और भी तेजी आने की संभावना है। ऐसे में तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। क्योंकि 4 लाख क्यूसेक पानी हरिद्वार, नरौना और कानपुर से गंगा में छोड़ा गया है जो अगले कुछ दिनों के अंदर प्रयागराज पहुंच सकता है। जब प्रयागराज पहुंचेगा यह पानी तो इससे तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ेगी। संगम के घाटों पर तख्त लगाकर रहने वाले तीर्थ पुरोहित हो या फेरीवाले सभी को गंगा के घाटों को छोड़कर ऊपर की सतह पर आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

Pallavi Srivastava

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