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Sharad Pawar: कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह के मुकदमे पर भड़के पवार, पुलिस कार्रवाई को लिया आड़े हाथ

महाराष्ट्र की राजनीति के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार पहले भी देशद्रोह के मुकदमों के विरुद्ध अपनी राय रखते रहे हैं। राणा दंपति की गिरफ्तारी के बाद भी बोले थे।

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Written By aman
Published on: 5 May 2022 3:02 PM IST (Updated on: 5 May 2022 3:03 PM IST)
sharad pawar condemns police action spoke on sedition case filed against party workers
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एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Social media)

Maharashtra News : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज देशद्रोह के मामले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। गौरतलब है कि, महाराष्ट्र की राजनीति के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार पहले भी देशद्रोह के मुकदमों के विरुद्ध अपनी राय रखते रहे हैं। देशद्रोह मुकदमे पर उन्होंने तब भी आवाज उठाई थी जब मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा विवाद को लेकर नवनीत राणा दंपति गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपति पर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था।

नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को हाल ही में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के आवास मातोश्री (Matoshree) के बाहर 'हनुमान चालीसा' (Hanuman Chalisa) पढ़ने की कोशिश के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

CRPC सहित अन्य अधिनियमों में संशोधन की जरूरत

एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, कि 'दंगा जैसी स्थितियों से निपटने तथा सार्वजनिक शांति भंग से बचने के लिए सीआरपीसी (CRPC) के साथ अन्य अधिनियमों में संशोधन की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थितियों में पुलिस (Police) और मजिस्ट्रेट (Magistrate) को राज्य सरकार या केंद्र सरकार के किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने की जरूरत है।' देश में लगातार दर्ज हो रहे देशद्रोह मुकदमों पर शरद पवार बोले, कि सरकारों को इससे बचना चाहिए।

निरस्त करें 'देशद्रोह कानून'

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में देशद्रोह कानून को निरस्त करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि वर्तमान समय में सरकारें इस कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। शरद पवार ने ये बातें भीमा कोरेगांव (Bhima Koregaon) मामले में आयोग को दिए एक हलफनामे कही। उन्होंने धारा 124 ए यानी 'देशद्रोह कानून' को निरस्त करने का आह्वान करते हुए कहा था, कि इसका दुरुपयोग सरकारों ने असहमति की आवाज दबाने के लिए किया गया है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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