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UP Election 2022: भाजपा के लिए एक और मुसीबत, अब सहयोगी दलों ने बढ़ाया अधिक सीटें लेने का दबाव

UP Election 2022: अपना दल और निषाद पार्टी के साथ भाजपा हाईकमान की देर रात तक बैठक हुई, जिसमें सीटों को लेकर पूरी बात नहीं बन सकी। निषाद पार्टी भाजपा से दो दर्जन सीटों की मांग कर रहा है तो वहीं अनुप्रिया पटेल भी इतनी ही सीटों की मांग कर रही है।

Shreedhar Agnihotri
Report Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 13 Jan 2022 6:04 AM GMT
UP Election 2022: भाजपा के लिए एक और मुसीबत, अब सहयोगी दलों ने बढ़ाया अधिक सीटें लेने का दबाव
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP Election 2022: भारतीय जनता पार्टी (BJP) जहां एक तरफ पार्टी छोड़ रहे मंत्रियों और विधायकों को मनाने मे जुटी है, वहीं दूसरी तरफ उसके सहयोगी दलों की गठबन्धन के तहत अधिक से अधिक सीटों की मांग (UP Seat Batwara) भी उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अपना दल एस (Apna Dal (S)) और निषाद पार्टी (Nishad Party) के साथ भाजपा हाईकमान (BJP High Command) की देर रात तक बैठक हुई, जिसमें सीटों को लेकर पूरी बात नहीं बन सकी।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि निषाद पार्टी भाजपा से दो दर्जन सीटों (Nishad Party Seats) पर अपने प्रत्याषियों को उतारना चाह रहा है लेकिन पूर्वांचल की दो दर्जन विधानसभा सीटों (UP Vidhan Sabha Seats) को छोड़कर उसका अन्य जगह पर कोई खास असर नहीं है। इसी तरह अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) पिछले चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित होकर वह भी इतनी ही सीटों की मांग कर रही है। उधर अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य आशीष पटेल (Ashish Singh Patel) ने कहा 'भाजपा को नेताओं के आत्मसम्मान का ध्यान रखना चाहिए। इससे साफ है कि वह भाजपा हाईकमान को इस बात का संदेश दे रहे हैं कि छोटे दलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

यूपी की 32 ऐसी सीटें हैं, जिन पर कुर्मी, पटेल, वर्मा और कटियार वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। पूर्वांचल के कम से कम 16 जिलों में इन वर्गों के वोटरों की संख्या 8 से लेकर 12 फीसदी तक है। यहां यह बताना जरूरी है कि अपना दल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के अलावा 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के बैनर तले उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर अपना दल ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 9 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई थी। भाजपा के साथ 2014-2017 और 2019 के लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के बाद भी हर बार दोनों दलों में मतभेद की खबरें आती रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से मुलाकात राजनीतिक की सुर्खियों में आई थी।

सपा के संपर्क में होने की खबरें

उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने हाल ही में यह बयान दिया था कि अनुप्रिया पटेल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संपर्क में हैं। उनके इस बयान के तरह तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। इस पार्टी ने गठबंधन कर 2018 के लोकसभा उपचुनावों में गोरखपुर संसदीय सीट (Gorakhpur Sansad Seat) पर पहली बार जीत हासिल की थी।

निषाद पार्टी (Nishad Party) का दावा है कि उसका गोरखपुर शहर और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र की गोरखपुर, शहर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, कैम्पियरगंज, चौरीचौरा, सहजनवां और बांसगांव विधानसभा क्षेत्र में पांच लाख से अधिक निषाद वोटर (Nishad Voters In UP) हैं। मिर्जापुर, संतकबीरनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही और चंदौली की विभिन्न सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है।

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Shreya

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