TRENDING TAGS :
Bihar: कांग्रेस के नए 'प्रधान' के लिए माथापच्ची शुरू, यह युवा नेता भी रेस में
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार अपने भाषणों में युवा नेताओं को आगे बढ़ाने की बात करते रहते हैं। कहा जाता है, कि वो कांग्रेस में अब यंग लीडरशिप को आगे लाना चाहते हैं।
Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पांचवें नंबर की पार्टी रही कांग्रेस (Congress) में नई जान फूंकने की कोशिश जारी है। हिंदी पट्टी के इस अहम राज्य में कांग्रेस संगठन को फिर से जीवित करने के लिए आलाकमान एक ऐसे दमदार चेहरे की तलाश कर रहा है, जो पार्टी में नई ऊर्जा का संचार कर सके। ताकि इसका लाभ कांग्रेस को 2024 के आम चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव में मिल सके।
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा (Dr. Madan Mohan Jha) द्वारा इस्तीफे की पेशकश के बाद नए अध्यक्ष को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक किसी नाम पर अपनी मुहर नहीं लगायी है। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, नए अध्यक्ष का नाम चौंकाने वाला हो सकता है।
युवा को मिल सकती है कमान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार अपने भाषणों में युवा नेताओं को आगे बढ़ाने की बात करते रहते हैं। कहा जाता है, कि वो कांग्रेस में अब यंग लीडरशिप (young leadership) को आगे लाना चाहते हैं। बिहार कांग्रेस की बात करें तो उसके पास जनाधार वाले नेताओं की घोर कमी है। पूरे राज्य में कांग्रेस का अब संगठन भी नहीं रह गया है। ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि किसी जाने-पहचाने युवा चेहरे को आगे कर वो फिर से लड़ाई में दिख सकती है। खासकर नीतीश सरकार के खिलाफ युवाओं में बढ़ती नाराजगी को वो भुना सकती है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी ने पिछले साल अचानक चर्चित युवा वामपंथी नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को कांग्रेस में शामिल करवाया। कन्हैया कुमार का कांग्रेस में आगमन पार्टी के पुराने नेताओं के साथ-साथ सहयोगी राजद (RJD) के लिए भी एक संदेश की तरह था।
कन्हैया कुमार को मिल सकती है कमान
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष औऱ अब कांग्रेस नेता बने कन्हैया कुमार बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी की पसंद बताए जा रहे हैं। हाल के दिनों में राष्ट्रीय और आर्थिक मुद्दों पर जिस तरह से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लेफ्ट के करीब दिखने वाले नजरिए को पेश किया है, उससे भी माना जा रहा है कि पार्टी में वामपंथी नजरिया रखने वाले नेताओं का दबदबा बढ़ सकता है। कन्हैया कुमार की आक्रामक शैली औऱ युवाओं के साथ उनका 'कनेक्ट' राज्य की सियासत में कांग्रेस को फिर से मुख्यधारा में ला सकती है। कन्हैया कुमार भूमिहार वर्ग से आते हैं। पार्टी मानती है कि वह बीजेपी नीत राजग से असंतुष्ट युवाओं में नयी ऊर्जा भर सकते हैं।
कन्हैया की वजह से राजद से बढ़ी दूरी
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, हालिया दिनों में राज्य में कांग्रेस और राजद के बीच बढ़ती दूरी का एक कारण कन्हैया कुमार भी हैं। दरअसल, कन्हैया कुमार जिस तरह की राजनीति करते हैं, उससे राजद और तेजस्वी यादव खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।
मोदी सरकार औऱ बीजेपी के खिलाफ कन्हैया के आक्रामक रुख ने उन्हें मुस्लिम और दलितों के एक बड़े तबके में हीरो बना दिया है। अगर कांग्रेस कन्हैया कुमार को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला लेती है, तो निश्चित तौर पर बिहार की राजनीति पर इसका गहरा असर होगा।