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Language Controversy: तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री बोले, पानीपुरी बेचते हैं हिंदी बोलने वाले

तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के. पोनमुडी ने कहा भाषा के रुप में हिंदी से कहीं अधिक अहमियत अंग्रेजी रखती है। हिंदी बोलने वाले लोग कोयंबटूर में पानीपुरी बेचते हैं।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 13 May 2022 7:56 PM IST
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तमिलनाडू उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के. पोनमुडी। (Social Media)

Language Controversy: भाषा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। हिंदी भाषा को लेकर उत्तर और दक्षिण के राज्यों में लगातार बयानबाजी हो रही है। दक्षिण में हिंदी विरोध (Language Controversy In South) का सबसे प्रमुख केंद्र रहे तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने हिंदी बोलने वालों को लेकर एक बेहद ही घटिया बयान दिया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के. पोनमुडी (Higher Education Minister Dr. K. Ponmudy) ने कहा भाषा के रुप में हिंदी से कहीं अधिक अहमियत अंग्रेजी रखती है। हिंदी बोलने वाले लोग छोटा – मोटा काम करते हैं। वो यहीं तक नहीं रूके उन्होंने यहां तक कह दिया कि हिंदी बोलने वाले कोयंबटूर में पानीपुरी बेचते हैं।

राज्यपाल के सामने हिंदी पर उठाए सवाल

शुक्रवार को कोयंबटूर की भारथिअर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह (Bharathiar University convocation) में शामिल होने पहुंचे पोनमुडी ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि (Tamil Nadu Governor RN Ravi) की मौजूदगी में सवाल उठाया कि आखिर हिंदी को क्यों सीखना चाहिए, जबकि राज्य में पहले से ही अंग्रेजी जैसी अंतराष्ट्रीय भाषा सिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि तमिल बोलने वाले छात्र किसी भी भाषा को सीखने के इच्छुक हैं, मगर हिंदी उनके लिए वैकल्पिक होना चाहिए, न कि अनिवार्य।

अंग्रेजी के सामने हिंदी कुछ भी नहीं

उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी (Higher Education Minister Dr. K. Ponmudy) ने हिंदी पर तंज कसते हुए कहा कि हिंदी से अधिक कीमती अंग्रेजी है, हिंदी बोलने वाले केवल नौकरी कर रहे हैं। इसके आगे उन्होंने एक घटिया टिप्पणी करते हुए कहा कि वे कहते थे कि अगर आप हिंदी पढेंगे तो आपको नौकरी मिलेगी? क्या ऐसा है! आप कोयंबटूर में जाकर देख सकते हैं कि पानीपुरी कौन बेच रहा है ? अंग्रेजी ही अब अंतराष्ट्रीय भाषा है। पोनमुडी ने दावा करते हुए कहा कि देश में तमिलनाडु का एजुकेशन सिस्टम सबसे आगे है।

दरअसल, जब भी हिंदी को देश का सर्वमान्य भाषा बनाने की कवायद उठती है तो उसका सबसे तीखा विरोध तमिलनाडु से ही होता है। प्रदेश में कई हिंदी विरोधी आंदोलन हो चुके हैं। हाल ही में जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी को अंग्रेजी का ऑप्शन बनाने की बात कही थी, तो गैर हिंदी भाषी राज्यों में तमिलनाडु ने सबसे अधिक विरोध किया था। ऐसा नहीं है कि केवल दक्षिण से ही विवादित बयान आ रहे हैं। हाल ही में यूपी सरकार के मंत्री प्रवीण निषाद ने कहा था कि हिंदी नहीं बोलने वालों के लिए भारत में कोई जगह नहीं है।



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Deepak Kumar

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