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AI New Technology: डीप फेक वीडियो फ्रॉड के बाद अब आपके सिगनेचर पर हो सकती है अगली नजर, AI करेगी लिखावट की नकल
AI New Technology: आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच अब कई तरह के लुभावने प्रयोग सामने आ रहे हैं।
AI Free Copy Writing Software: बढ़ते तकनीकी विकास के साथ संपूर्ण मानवजाति पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित, संरक्षित और सुविधाजनक जीवन शैली जीने में सक्षम साबित हो रही है। जिसमें आधुनिक गेजेट्स अपनी महती भूमिका अदा करते हैं। आज कल एक आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) खासी लोकप्रियता हासिल कर रही है। कॉरपोरेट जगत में तो इस तकनीक ने पूरा तहलका मचा दिया है। इस तकनीक में शामिल फीचर ने पूरे वर्क कल्चर को प्रभावित किया है। परिणाम स्वरूप इसके नए-नए उपयोग हमारे सामने आ रहे हैं। कहा जाता है कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। वही कुछ परिणाम इस तकनीक के इजाद होने के साथ निकल कर हम सबके सामने आ रहे हैं। असामाजिक लोग किसी की आवाज को क्लोन करने से लेकर डीपफेक वीडियो तक AI की मदद से आसानी से तैयार कर रहे हैं। वहीं अब लोगों के बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर मौजूद उनके हस्ताक्षर पर भी खतरा मंडराने लगा है। जल्द ही AI की मदद से किसी की लिखावट की हूबहू नकल भी जा सकेगी। आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से-
दुबई की एक यूनिवर्सिटी ने विकसित की ऐसी टेक्नोलॉजी
आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच अब कई तरह के लुभावने प्रयोग सामने आ रहे हैं। जिसके तहत दुबई की एक यूनिवर्सिटी ने AI पर बेस्ड ऐसी टेक्नोलॉजी का ईजाद किया गया है, जो बड़ी आसानी से किसी व्यक्ति की लिखावट की हुबहू नकल कर सकती है। इस विषय पर रिसर्च कर रहे दुबई स्थित मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई रिसर्च स्कॉलर्स ने इस बात का दावा किया है कि उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड अपनी रिसर्च में किसी भी व्यक्ति की हाथ की लिखावट को हुबहूं नकल करने वाली टेक्नोलॉजी को ढूंढ निकाला है। इसे ट्रांसफॉर्मर मॉडल को बेस बनाकर फ्रेंम किया गया है। यह एक न्यूरल नेटवर्क होता है, जिसे सीक्वलाइस्ड आंकड़ों का संदर्भ और मतलब सीखने के लिए डिजाइन किया जाता है।इस तकनीक की सहायता से इसमें किसी व्यक्ति की लिखाई को कॉपी करने के लिए पहले कुछ पैराग्राफ से एआई मॉडल को ट्रेंड किया जाता है।
अमेरिका ने जारी किया पेटेंट
किसी व्यक्ति की लिखावट को हुबाहूं कॉपी करने की क्षमता से लैस नई एआई तकनीक को अब अमेरिका से पेटेंट भी मिल गया है। इसी के साथ इस खास तकनीक को ईजाद करने वाली दुबई स्थित मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खुद को दुनिया की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यूनिवर्सिटी होने का दावा करती है। लेकिन अभी तक इस फीचर को पूरी तरह से चलन में नहीं लाया गया है।
शोधकर्ता इस बात को लेकर हैं चिंतित
समाज में AI तकनीक की बढ़ती मौजूदगी के साथ ही फ्रॉड के कई किस्से भी तेज़ी से बढ़ते जा रहें हैं। शोधकर्ता इस बात को लेकर खासा चिंतित भी हैं। उनका मानना है कि राइटिंग स्टाइल को कॉपी करने वाली एआई के नए टूल्स के सावधानीपूर्वक उपयोग पर जोर दिया है। वहीं अब राइटिंग स्टाइल को कॉपी करने वाली एआई के नए टूल्स के चलन में आने के बाद उम्मीद की जा रही है की इसके इस्तेमाल से कई लाभ होंगे, वहीं इस टूल का इस्तेमाल डीप फेक वीडियो की तरह किए जाने की संभावनाओं से भी इंकार करना न्यायसंगत साबित नहीं होगा।