TRENDING TAGS :
Android Phone Alert: कहीं आपके फोन में तो नहीं छुपा है मैलवेयर, हो जाएं सतर्क
Android Phone Alert: मेटा ने एंड्रॉयड फोन और टैबलेट यूजर्स के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इस बारे में बताया गया है कि नए तरह के घातक मैलवेयर का पता चला है।
Android Phone Alert: एंड्रॉयड फोन के यूजर्स को बेहद सतर्क होने की जरूरत है। जीं हां मैलवेयर के खतरे का एक और बड़ा मामला सामने आया है। असल में मेटा ने एंड्रॉयड फोन और टैबलेट यूजर्स के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इस बारे में बताया गया है कि नए तरह के घातक मैलवेयर का पता चला है। ये मैलवेयर वॉट्सएप और यूट्यूब जैसी मशहूर एप्स में छुप रहे हैं। ये मैलवेयर उन ऐप्स पर हमला कर रहे हैं जिन एप्स को यूजर्स रोजमर्रा की जिंदगी में जरूरत के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। जानकारी देते हुए मेटा ने तिमाही एडवर्सारियर थ्रेट रिपोर्ट 2022 में Dracarys मैलवेयर के बारे में बताया। ये मैलवेयर पॉपुलर ऐप्स के क्लोन वर्जन में छुप रहे हैं। फिलहाल सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि ये खतरनाक वायरस न केवल वॉट्सऐप और यूट्यूब पर बल्कि सिग्नल, टेलीग्राम, और कई कस्टम चैट एप्स पर भी हमला कर रहे हैं।
मैलवेयर से जुड़ी रिपोर्ट में पता चला है कि ड्राकारिस मैलवेयर का नाम गेम ऑफ थ्रोन्स बैटल क्राई के ड्रैगन पर रखा गया है, जिसे एपीटी (APT) हैकिंग ग्रुप द्वारा चलाया जा रहा है। साथ ही ये भी बताया गया है कि ये हैकिंग ग्रुप UK, New Zealand, India और Pakistan के यूज़र्स पर हमला कर रहा है।
रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ कि ये मैलवेयर एंड्रॉयड फोन में उपस्थित एसेसबिलिटी (Accessibility) फीचर का उपयोग कर रहे है। वहीं इन फर्जी ऐप्स को किसी से परमिशन लेने की जरूरत भी नहीं पड़ती है।
इन मैलवेयर से यूजर्स को बहुत खतरा हो सकता है। क्योंकि ये मैलवेयर यूज़र्स की प्राइवेट जानकारियां चुरा सकते हैं। इसके साथ ही एंड्रायड यूज़र्स की कॉल डिटेल, उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट की जानकारियां, मैसेज, ओटीपी, जियो लोकेशन और भी बहुत सी जानकारियां हासिल कर सकते हैं। वहीं एंड्रायड यूजर्स के फोन में ये मैलवेयर चुपके से फोटो क्लिक करने और माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने आप कोई भी एप डाउनलोड कर सकते हैं।
ऐसे में बचे मैलवेयर से
ऐसे में अगर आप एंड्रायड यूजर हैं तो इस मैलवेयर के खतरे से बचने के लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा।
इसके लिए आपको कभी भी वॉट्सऐप, यूट्यूब, टेलीग्राम जैसी ऐप्स की अनऑफिशियल या फेक ऐप्स को गलती से भी डाउनलोड न करें। इसके अलावा मैलवेयर का खतरा थर्ड-पार्टी एप वेबसाइट पर भी रहता है। इसलिए विशेषज्ञ कहते हैं कि एंड्रॉयड यूज़र्स को गूगल प्ले स्टोर से ही वैराफाइड एप को डाउनलोड करना चाहिए।