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Artificial Intelligence: आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस बता देगा मौत कब आएगी!

Artificial Intelligence: आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस क्या क्या कर सकता है, लगता है इसकी कोई लिमिट ही नहीं है। अब तो दावा किया गया है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस किसी की मृत्यु की भी भविष्यवाणी कर सकता है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 23 Dec 2023 11:55 PM IST
Artificial Intelligence will tell when death will come
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आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस बता देगा मौत कब आएगी!: Photo- Social Media

Artificial Intelligence: आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस क्या क्या कर सकता है, लगता है इसकी कोई लिमिट ही नहीं है। अब तो दावा किया गया है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस किसी की मृत्यु की भी भविष्यवाणी कर सकता है।

निश्चित ही ये एक डरावना परिदृश्य है। डीटीयू, कोपेनहेगन विश्वविद्यालय, आईटीयू और नॉर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चैटजीपीटी जैसे 'ट्रांसफॉर्मर मॉडल' बनाए हैं। लेकिन ये मॉडल भविष्यवाणी करता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में आगे क्या होगा और उनकी मृत्यु के समय का अनुमान लगा सकता है।

जीवन की घटनाएं

शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन करने के लिए नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग तकनीकों को लागू किया है कि मानव जीवन कैसे डेवलप होता है और जीवन में घटनाओं के विस्तृत अनुक्रमों के आधार पर भविष्यवाणी की जा सकती है। डीटीयू में प्रोफेसर और रिसर्च पेपर के पहले लेखक सुने लेहमैन ने कहा - हमने इस बुनियादी सवाल को संबोधित करने के लिए एआई मॉडल का उपयोग किया कि हम किसी के अतीत की स्थितियों और घटनाओं के आधार पर उसके भविष्य में होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी किस हद तक कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक रूप से, जो चीज हमारे लिए रोमांचक है वह खुद भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि डेटा के पहलू हैं जो मॉडल को ऐसे सटीक उत्तर देने में सक्षम बनाते हैं।

Photo- Social Media

डेनमार्क का डेटासेट

उन्होंने डेनमार्क से "life2vec" नामक एक डेटासेट का उपयोग किया, जिसमें 60 लाख डेनमार्क वासियों का डेटा था। इसमें इन लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यवसाय, आय, पता और काम के घंटे के बारे में जानकारी शामिल थी। ये सभी जानकारियां रोजाना दर्ज की जाती थीं। "Life2vec" सामान्य प्रश्नों की भविष्यवाणी करता है जैसे "क्या कोई चार साल के भीतर मर जाएगा?"

कुछ स्पष्ट कारक

शोधकर्ताओं ने जीवन की इन घटनाओं को एक एकल स्थान या सिस्टम में व्यवस्थित करने का एक तरीका बनाया। जब शोधकर्ताओं ने सिस्टम के उत्तरों की जांच की, तो उन्होंने पाया कि परिणाम उन्हीं से मेल खाते हैं जो सामाजिक विज्ञान ने पहले ही खोज लिए हैं।मिसाल के तौर पर, बाकी सब समान होने पर, लीडरशिप की पोजीशन वाले लोगों या उच्च आय वाले लोगों के ज्यादा समय तक जीवित रहने की संभावना अधिक होती है। दूसरी ओर, पुरुष होना, किसी विशेष क्षेत्र में कुशल होना या मानसिक बीमारी होना, मरने के उच्च जोखिम से जुड़ा है। शोधकर्ताओं के मॉडल प्रारंभिक मृत्यु दर से लेकर व्यक्तित्व लक्षणों तक विभिन्न परिणामों की भविष्यवाणी कर सकते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि उनके मॉडल सर्वश्रेष्ठ मौजूदा मॉडल से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

डरावनी चीज

किसी के लिए भी उसकी मृत्यु के समय या उसके आसपास की परिस्थितियों के बारे में पहले से ही जानना डरावना है। यह हर किसी के बस की बात नहीं है, इसलिए स्वाभाविक रूप से, शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को लेकर कुछ नैतिक और गोपनीयता संबंधी चिंताएँ उठाई हैं। यह अध्ययन नेचर कम्प्यूटेशनल साइंस में प्रकाशित हुआ था।

Shashi kant gautam

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