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Call Drop: टेलीकॉम कंपनियां की बढ़ी परेशानी, कॉल ड्रॉप का कारण हाईटेक चोर
Call Drop:टेलीकॉम कंपनियों की माने तो टावर से केबल और बैटरी की चोरी होना एक आम समस्या है। लेकिन अब चोर इतने ज्यादा हाईटेक हो चुके हैं कि, अब वे रेडियो रिसीवर को निशाना बना रहे हैं।
Call Drop: कॉल ड्रॉप की परेशानी अक्सर यूजर्स को होती रहती है। खासकर मोबाइल इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को इस समस्या से गुजरना पड़ता है। हालांकि, ज्यादातर लोगों को कॉल ड्रॉप होने का कारण पता नहीं होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि, कॉल ड्रॉप होने का कारण हाईटेक चोर हैं। दरअसल मोबाइल टावर के इंट्रूमेंट्स चुराने वाले हाईटेक चोर ने रेडियो रिसीवर की चोरी की है।
क्या है कॉल ड्रॉप का कारण (Call Drop Reason):
जानकारी के लिए बता दें कि, टेलीकॉम कंपनियों की माने तो टावर से केबल और बैटरी की चोरी होना एक आम समस्या है। लेकिन अब चोर इतने ज्यादा हाईटेक हो चुके हैं कि, अब वे रेडियो रिसीवर को निशाना बना रहे हैं। पिछले कुछ ही महीनों में एयरटेल के 15 हजार, जियो के 1700 और वोडाफोन आइडिया के 350 से ज्यादा रिसीवर गायब हो चुके हैं।
दरअसल देशभर में फैले टेलीकॉम टावरों से पिछले कुछ माह में 17 हजार से ज्यादा रेडियो रिसीवर चोरी हो चुके हैं। जिसके पीछे हाईटेक चोर हैं। इस चोरी के कारण बड़े पैमाने पर टेलीकॉम कस्टमर्स के मोबाइल का नेटवर्क गायब हो रहा है और मोबाइल से कनेक्ट दो लोगों के बीच का संपर्क अचानक से टूट जाता है। ये कॉल ड्रॉप का कारण बन रहा है।
कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो, सबसे ज्यादा रेडियो रिसीवर की चोरी राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा देखने को मिली है। फिर इसके बाद दिल्ली और पंजाब में ये समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिली है। वहीं पिछले दो महीने में सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 2,000 यूनिट की चोरी हुई है। जबकि नोएडा की बात करें तो यहां ये 570 है। इसके अलावा गाजियाबाद में 390 और उत्तरप्रदेश 310 से ज्यादा रेडियो चोरी किए गए हैं। हालांकि, एक ग्रुप को गाजियाबाद पुलिस ने पकड़ा भी है।
जानकारी के लिए बता दें कि, वहीं टेलीकॉम कंपनी के मुताबिक रेडियो रिसीवर की चोरी कर, इन्हें कबाड़ के तौर पर चीन और बांग्लादेश जैसे देशों में भेजा जा रहा है। इस एक यूनिट की कीमत करीब 3 से 5 लाख रुपए होती है। जिसका मतलब ये है कि, टेलीकॉम कंपनियों को कम से कम 500-700 करोड़ तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को से इस मामले को लेकर तेजी से कार्रवाई करने के मांग रखी है।