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ChatGPT Failed in UPSC: आईएएस प्रीलिम्स में फेल हो गया चैटजीपीटी, जानिए क्या थे प्रश्न
ChatGPT Failed in UPSC: ओपन एआई के बहुचर्चित चैटबॉट "चैटजीपीटी" ने भले ही व्हार्टन एमबीए परीक्षा पास कर ली हो लेकिन वह भारत में आईएएस की प्रिलिम परीक्षा में फेल हो गया है।
ChatGPT Failed in UPSC: ओपन एआई के बहुचर्चित चैटबॉट "चैटजीपीटी" ने भले ही व्हार्टन एमबीए परीक्षा पास कर ली हो लेकिन वह भारत में आईएएस की प्रिलिम परीक्षा में फेल हो गया है। नवंबर 2022 में लॉन्च किये गए चैटजीपीटी को लेकर बहुत से बातें हो रहीं हैं कि ये लेखक, टीचर, नौकरियों आदि को खत्म कर देगा। एक आम धारणा यह बनी है कि चैटजीपीटी के पास सभी उत्तर हैं। हालांकि, यूपीएससी परीक्षा ने सभी धारणाओं को गलत साबित किया है।
कई मुश्किल परीक्षा पास कीं
चैटबॉट ने दुनिया भर में कुछ सबसे कठिन परीक्षाओं को आसानी से पास कर लिया, जिसमें पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) प्रोग्राम से लेकर यूएस मेडिकल परीक्षा और कानून के लिए यूएस बार परीक्षा शामिल है।
स्वीकार की दिक्कत
चैटबॉट को परखने के लिए नवीनतम प्रयास एनालिटिक्स इंडिया मैगज़ीन (एआईएम) द्वारा किया गया था। जब चैटबॉट से पूछा गया, "क्या आपको लगता है कि आप यूपीएससी के लिए प्रारंभिक परीक्षा पास कर सकते हैं?" तो चैटजीपीटी ने जवाब दिया - पक्के तौर पर ये बताना मुश्किल है।
रिजल्ट रहा सिर्फ 54 सही जवाब
एआईएम ने यूपीएससी प्रीलिम्स 2022 के प्रश्न पत्र 1 (सेट ए) से सभी 100 प्रश्न चैटजीपीएस से पूछे। चैटजीपीटी उनमें से केवल 54 का ही सही उत्तर दे सका। बता दें कि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कटऑफ 87.54 था, जो बताता है कि चैटजीपीटी यूपीएससी परीक्षा को पास नहीं कर सका।
दरअसल, चैटजीपीटी का ज्ञान सितंबर 2021 तक सीमित है। इसलिए यह भारत के लिए करेंट अफेयर्स के सवालों का जवाब देने में विफल रहा। लेकिन यह चैटबॉट यूपीएससी के पेपर से भूगोल, इतिहास और अर्थव्यवस्था के भी सवालों का जवाब देने में विफल रहा। आगे कुछ बहुविकल्पीय प्रश्नों में, चैटबॉट ने एक अतिरिक्त विकल्प बनाया जो मूल प्रश्न में प्रदान नहीं किया गया था और इसे "उपरोक्त में से कोई नहीं" लेबल किया। यूपीएससी की परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। लगभग 11-12 लाख उम्मीदवार हर साल परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से केवल 5 प्रतिशत ही मुख्य चरण में जगह बना पाते हैं।