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Bioelectronic Implants Charger: वैज्ञानिकों ने बनाया इंसानी शरीर में लगने वाला डिसॉल्विंग चार्जर, मरीजों को तेज़ी से स्वस्थ करने में होगा सहायक

Bioelectronic Implants Charger: चीन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया अविष्कार चिकित्सा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का काम करेगा। चिकित्सा के क्षेत्र में मानव शरीर में लगाए जा सकने वाले सेंसर और सर्किट यूनिट्स पहले से ही इजाद किए जा चुके हैं।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 2 Dec 2023 7:00 AM IST (Updated on: 2 Dec 2023 7:01 AM IST)
bioelectronic implants charger
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bioelectronic implants charger  (photo: social media )

Bioelectronic Implants Charger: ग्लोबल स्तर पर तकनीकी क्षेत्र में तेज़ी से विकास होता जा रहा है। फलस्वरूप नए-नए अविष्कार हो रहें हैं। इसी क्रम में हाल ही में चीन द्वारा मानव जीवन की रक्षा के लिए एक बायोडिग्रेडेबल और वायरलेस एनर्जी रिसिविंग और स्टोरेज डिवाइस का अविष्कार किया गया है, जो विभिन्न परिस्थितियों में मानव जीवन की रक्षा करने में सहायक सिद्ध होगा। चीन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया अविष्कार चिकित्सा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का काम करेगा। चिकित्सा के क्षेत्र में मानव शरीर में लगाए जा सकने वाले सेंसर और सर्किट यूनिट्स पहले से ही इजाद किए जा चुके हैं। जिनका इस्तेमाल भी किया जा रहा है। लेकिन मौजूदा वक्त में उपलब्ध पावर देने वाले डिवाइसेस जिनका अभी प्रयोग किया जा रहा है उनको इस्तेमाल करना एक बड़ी ही जटिल प्रक्रिया है। जिसके लिए बहुत ही सतर्कता और धैर्य की आवश्यकता पड़ती थी। साथ ही इनमें पाई जाने वाली सबसे बड़ी खामी के तौर पर ये चार्जिंग डिवाइस आमतौर पर सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किये जा सकते हैं। अगर इन्हें ट्रांसडर्मल चार्जर से पावर दी जाए तो जलन का खतरा रहता है और इनसे सेंसर और सर्किट यूनिट्स को पर्याप्त पावर नहीं मिलती। यही वजह है कि चिकित्सीय उपचार में इसका इस्तेमाल ज्यादा नहीं किया जा रहा। लेकिन अब चाइना द्वारा निर्मित पावर मॉड्यूल निश्चित ही उपचार की विधि को सुगम बनाने में बड़ा योगदान प्रदान करेगा।

आइए जानते हैं इंसानी शरीर में लगने वाला वायरलेस चार्जर से जुड़े डिटेल्स के बारे में विस्तार से....

क्या है इंसानी शरीर में लगने वाला वायरलेस चार्जर

वैज्ञानिक भाषा में अगर वायरलेस चार्जर के बारे में बात करें तो चीन के वैज्ञानिकों ने मानव जीवन की रक्षा के लिए एक ऐसा बायोडिग्रेडेबल और वायरलेस एनर्जी रिसिविंग और स्टोरेज डिवाइस का अविष्कार किया था है, जिसकी मदद से बायोइलेक्ट्रॉनिक्स इम्प्लांट्स को पावर देने का काम किया जा सकता है। एक तरह का वायरलेस चार्जर है, जिसे इंसानी शरीर के भीतर चिकित्सीय परीक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए फिट किया जाता है। अब आपके दिमाग में प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिर इस चार्जर को शरीर के भीतर लगाने की क्या आवश्यकता है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका इस्तेमाल गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को क्रिटिकल केयर की आवश्यकता होती है। जिसमें किसी भी तरह की चूक या असावधानी गंभीर परिणाम का कारण बन जाती है। ऐसी स्थिति में सुधार लाने के लिए इस चार्जर की मदद से चिकित्सकों को मरीजों पर पूरी मुस्तैदी के साथ नजर रखने में मदद मिलती है साथ ही मरीजों के उपचार के दौरान लगाए गए मॉनिटरिंग सिस्टम और ड्रग डिलीवरी इंप्लांट्स को भी पावर देने के लिए इस चार्जर का उपयोग किया जाता है।


वायरलेस पावर सिस्टम की ये है खासियत

चीन द्वारा निर्मित मानव शरीर में लगने लायक एक वायरलेस पावर सिस्टम की खूबियों की बात करें तो यह पूरा चार्जिंग डिवाइस मानव शरीर के भीतर बिना कोई नुकसान पहुंचाए आराम से आपनी जगह पर स्थित रहता है। ये डिवाइस पॉलीमर और वैक्स से लैस होता है,जो शरीर के लोच के मुताबिक आसानी से मुड़ जाता है। इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह शरीर के भीतर एक बार इंप्लांट होने के पश्चात टिश्यू और अंगों का आकार ले लेता है।इसी के साथ यह अधिक ऊर्जा स्टोर करने की क्षमता से भी लैस होता है।

वायरलेस पावर सिस्टम की क्या होती है चार्जिंग प्रोसेस

वायरलेस पावर सिस्टम की चार्जिंग प्रोसेस की बात करें तो ये डिवाइस इंसानी शरीर में फिट होगा, इसलिए चार्जिंग कॉयल को त्वचा पर रख कर इसे चार्ज किया जाता है। शरीर के भीतर जहां यह डिवाइस लगाया गया होता है। मैग्निशियम कॉयल चार्जिंग कॉयल से पावर लेकर इसे एक सर्किट के जरिये जिंक-आयन हाइब्रिड सुपरकैपेसिटर से बने एनर्जी स्टोरेज मॉड्यूल तक ले जाने का काम करती है। जिसके उपरांत यहां से यह पावर जनरेट होकर शरीर में लगे बायोइंप्लांट्स यानी आपके शरीर के भीतर लगे चार्जिंग डिवाइस तक पहुंच जाएगी।असल में इस चार्जिंग डिवाइस में एक मैग्निशियम कॉयल लगी है। जब इसके ऊपर ट्रांसमिटिंग कॉयल रखी जाएगी तो यह चार्ज हो जाता है।


2 महीनों में पूरी तरह शरीर में घुल जाता है ये वायरलेस पावर सिस्टम

चीन द्वारा चिकित्सीय उपचार में मददगार साबित होने वाले वायरलेस पावर सिस्टम की सबसे बड़ी खूबी है कि इसका आपके शरीर के भीतर मौजूदगी काफी सीमित समय के लिए ही होती है। जिसके उपरांत ये खुद ब खुद घुल कर शरीर से बाहर निकल जाता है। मिली जानकारियों के अनुरूप जिंक और मैग्निशियम इंसानी शरीर को ताकत देने के लिए जरूरी मिनिरल होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह डिवाइस शरीर के लिए बिल्कुल भी असुरक्षित नहीं है। इस चार्जिंग डिवाइस पर जिंक और मैग्निशियम की मात्रा मौजूद होती है, जो कि इंसान की दैनिक जरूरत की तुलना में कम है, इसलिए यह डिवाइस शरीर के भीतर पहुंचकर किसी भी तरह की कोई शारीरिक समस्या पैदा नहीं करता । वैज्ञानिकों द्वारा दइस डिवाइस पर किए गए शोध के दौरान देखा गया कि यह डिवाइस शरीर के भीतर जाकर उपचार की प्रक्रिया को सुगम बनाते हुए कुल दस दिनों तक प्रभावी रूप से काम करने में सक्षम होता है। एक बार लगाने के बाद इसे बाहर निकालने की जरूरत नहीं होगी। ये डिवाइज कुल दो महीनों में पूरी तरह शरीर के भीतर डिसोल्व होकर बाहर निकल जाता है। शोधकर्ताओं का इस डिवाइस को लेकर मानना है कि अभी इस डिवाइस के पूरी तरह से चिकित्सीय इस्तेमाल में लाए जानें से पूर्व इसमें और अधिक इंप्रूवमेंट किए जाने की जरूरत है। खास तौर से इस डिवाइस में अभी इसे ऑन और ऑफ किए जाने की सुविधा जोड़ना बाकी है यह अभी सिर्फ शरीर से बाहर आने के बाद ही ऑफ होता है। वैज्ञानियों और चिकित्सकों का ये कहना है कि चिकित्सा के क्षेत्र में ये डिवाइज बड़ा ही मददगार और उपयोगी साबित होगा।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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