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Cyber Crime: महिला ने किया यूपीआई का इस्तेमाल तो ऐसे कट गए हज़ारों रुपये! आप भी रहें सतर्क
Cyber Crime : साइबर अपराधियों ने यूपीआई का इस्तेमाल करने वाली एक महिला को लिंक भेज कर उसके बैंक खाते से ₹10000 उड़ा लिए।
Cyber Fraud : कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान से ही पेमेंट्स के डिजिटल तरीकों में बहुत अधिक उछाल देखा गया है। ग्राहकों को डिजिटल भुगतान से लाभ पहुँचता है क्योंकि इससे वित्तीय लेनदेन आसान हो जाते हैं। हालांकि, इसने कई धोखेबाजों को इस प्रणाली का उपयोग कर लोगों को अलग-अलग तरीकों से ठगने के लिए आमंत्रित भी किया।
ऐसे हुआ महिला के साथ साइबर फ्रॉड
यूथ की आवाज़ नामक वेबसाइट पर ऐसे ही जालसाज़ के चंगुल में फंसी महिला ने अपनी आपबीती शेयर की है। "मेरे साथ हुई UPI में धोखाधड़ी की कहानी भारत और दुनिया भर में किसी भी अन्य साइबर अपराध मामले की तरह लग सकती है, लेकिन इस घोटाले ने मुझे मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सबक सिखाया। और, आज मैं यह लेख लोगों को और अधिक "जागरूक" बनाने के लिए लिख रही हूँ। शाम के करीब साढ़े चार बजे थे। मार्च की शुरुआत में जब मैं अपनी अलमारी साफ करने में व्यस्त थी तभी अचानक मेरे फोन की घंटी बजी। मैंने फोन उठाया तो सामने एक शक़्स था जिसने मेरा नाम लिया जिसके जवाब में मैंने हाँ कहा। काफी आत्मविश्वास से भरे स्वर में उसने कहा कि मेरे पिता ने उसे मुझे फोन करने के लिए कहा और कहा कि कुछ पैसे फोनपे या पेटीएम के जरिए मेरे खाते में जमा करने हैं। वो शक़्स धोखेबाज था ऐसा मानने की कोई वजह ही नहीं मिली मुझे। उसने न कोई व्यक्तिगत या वित्तीय विवरण मांगा और साथ ही वह मेरे पिता और उनके व्यवसाय के बारे में सब कुछ जानता था।
उसने मुझे बताया कि पेटीएम नंबर की पुष्टि करने के लिए वह एक "हाय!" और ₹1 भेजेगा जिसकी पुष्टि मैंने की। फिर उसने मुझे एक लिंक भेजा जिसमें लिखा था कि "₹10,000 एक मर्चेंट आईडी के माध्यम से ट्रांसफर किए जाएंगे।" इस रिक्वेस्ट को असेप्ट करने के लिए लिंक पर क्लिक करने के बाद मेरे खाते में पैसे आ जाने चाहिए थे।
जैसे ही मैंने उस लिंक पर क्लिक किया तो पैसे मेरे ही अकाउंट से कट गए। मैंने जब उसे ये बात बताई तो उसने कहा की उसकी साइड से पेमेंट पेंडिंग है और जैसे ही पैसे ट्रांसफर होंगे सब सही हो जाएगा। और ऐसे ही करते करते उसने मेरे अकाउंट से ₹55,000 निकल लिए। मैंने अपने भाई से कहा कि मेरे पिता से पूछो कि क्या उन्होंने किसी से मुझे ऐसा पेमेंट करने के लिए कहा है। मेरे पिता ने बताया की उन्होंने किसी से भी मेरे खाते में पैसे डालने को नहीं कहा है।
मैंने उस आदमी से पूछा की उसे मेरा नंबर किसने दिया था। फिर उसने अपनी बात पलट दी और किसी और का नाम बताया। उसने ऐसा दिखाया की इस सब से जैसे वह खुद हैरान हो। उसके बाद, उसने कॉल काट दिया और फिर मेरी किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया।
पूरी घटना ने मुझे स्तब्ध कर दिया। मैं कांप रही थी बेहद डर कर रोने लगी। मैंने अपने कुछ रिपोर्टर मित्रों को मदद के लिए फोन किया, जिन्होंने मुझे घटना की सूचना साइबर सेल को देने के लिए कहा। मैंने 1930 को फोन किया और घटना के होने के 20 मिनट के भीतर सूचना दी।
इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों से मैं बस इतना ही कहना चाहती हूं: डरो मत और आवाज़ उठाओ, क्योंकि आप दूसरों को जागरूक करके उनकी मदद कर सकते हैं! यह आपकी गलती नहीं है, यह किसी के साथ भी और सभी के साथ हो सकता है। इन सब बातों ने मुझे अब एक जागरूक नागरिक बना दिया है। मैं जानटी हूं कि अब मैं किसी के जाल में नहीं फंसूंगी।"