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AI: सावधान! आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस से बनाये जा रहे असली जैसे फेक आईडी

Artificial Intelligence: अत्यंत एडवांस्ड धोखे का एक उदाहरण एक नकली ब्रिटिश पासपोर्ट की फोटो है जो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज साइट ओकेएक्स पर पहचान वेरिफिकेशन को सफलतापूर्वक पार कर गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 8 Feb 2024 11:03 AM IST (Updated on: 8 Feb 2024 11:20 AM IST)
Artificial Intelligence
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Artificial Intelligence (Photo: Social Media)

Artificial Intelligence: डिजिटल युग के आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस दौर ने कई चीजें आसान की हैं लेकिन बहुत से खतरे भी पैदा कर दिए हैं। डीपफेक के बाद अब एक ऐसा ही खतरा फेक आईडी का सामने आया है। "ओनली फेक" जैसी वेबसाइट ने साथ पहचान सत्यापन प्रणालियों के लिए एक जबर्दस्त चुनौती ला दी है। ये वेबसाइट आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से एकदम असली जैसी नकली आईडी फोटो तैयार करती है।

ये साइट यूजर्स को नाम, पता, समाप्ति तिथि और यहां तक कि हस्ताक्षर जैसे व्यक्तिगत डिटेल से भरी आईडी बनाने की सुविधा देती है। वेरिफिकेशन को बाईपास करने के लिए ओनली फेक फोटो के मेटाडेटा में हेरफेर और जीपीएस कोआर्डिनेट्स का अनुकरण करती है जिससे लगता है कि फोटो स्मार्टफोन द्वारा कैप्चर की गई थी। ये सब एआई के उपयोग से होता है। अत्यंत एडवांस्ड धोखे का एक उदाहरण एक नकली ब्रिटिश पासपोर्ट की फोटो है जो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज साइट ओकेएक्स पर पहचान वेरिफिकेशन को सफलतापूर्वक पार कर गया है।

बेहद चिंताजनक

जाली आईडी का बड़े पैमाने पर उत्पादन अत्यंत चिंताजनक है। बताया जाता है कि ओनली फेक वेबसाइट एक दिन में 20,000 दस्तावेज़ तैयार करने के लिए 'न्यूरल नेटवर्क' और 'जनरेटर' का उपयोग करती है, जिसमें एक्सेल टेबल से एक साथ सैकड़ों नकली पहचान बनाने की क्षमता होती है। इससे पता चलता है कि संभावित आईडी धोखाधड़ी का व्यापक स्तर बेहद परेशान करने वाला है। ये ऑनलाइन पहचान वेरिफिकेशन प्रणालियों के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करती हैं। जो यूजर्स अपनी खुद की फोटो इस्तेमाल नहीं करना चाहते उनके लिये ये वेब साइट गैर-एआई उत्पन्न फोटो का एक कलेक्शन का भी प्रदान करती है जहां से कोई भी फोटो चुनी जा सकती है। इमेज की सटीकता और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए कालीन या मेज, जमीन जैसी कठोर सतहों जैसे वास्तविक जीवन के बैकग्राउंड का उपयोग किया जाता है।

साइबर सुरक्षा को खतरा

मात्र 15 डॉलर में उपलब्ध ओनलीफेक की सेवाएँ इस डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़े खतरे की मौजूदगी बताती हैं। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट जारी है, ऐसी एडवांस्ड धोखाधड़ी का जोखिम बहुत बड़ा खतरा है। ओनली फेक के टेलीग्राम एकाउंट में कहा गया है कि - फ़ोटोशॉप का उपयोग करके दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का युग समाप्त हो रहा है।



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Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh from Kanpur. I Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During my career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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