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Google Search vs TikTok : गूगल सर्च की जगह टिक टॉक का बढ़ता इस्तेमाल, जानें क्यों बढ़ा क्रेज?

Google Search vs TikTok: इंटरनेट पर गलत सूचनाओं पर नज़र रखने वाली साइट न्यूज़गार्ड द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि टिकटॉक पर पांच में से एक गलत सूचना निकलती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 Sept 2022 2:27 PM IST
Google Search vs TikTok
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गूगल सर्च की जगह टिक टॉक का बढ़ता इस्तेमाल (photo: social media )

Google Search vs TikTok: टिकटॉक अब सिर्फ वायरल डांस और फूड हैक्स की जगह नहीं रह गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में युवा अपने प्राथमिक सर्च इंजन के रूप में गूगल की बजाय टिकटॉक को इस्तेमाल करने लगे हैं।

यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है क्योंकि टिकटॉक पर क्या सही जानकारी है और क्या फेक है, इसका कोई पुरसाहाल नहीं है। इंटरनेट पर गलत सूचनाओं पर नज़र रखने वाली साइट न्यूज़गार्ड द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि टिकटॉक पर पांच में से एक गलत सूचना निकलती है। अध्ययन ने "2022 चुनाव" से लेकर "एमआरएनए वैक्सीन" तक के 27 विभिन्न समाचार विषयों में शीर्ष 20 खोज परिणामों का विश्लेषण किया। न्यूज़गार्ड के अध्ययन में पाया गया कि टिकटॉक ने भी यूजर्स को किसी खास दिशा में ले जाने की कोशिश की।

उदाहरण के लिए, यदि किसी यूजर ने "कोविड वैक्सीन" की खोज की तो टिकटॉक उसे "कोविड वैक्सीन की सच्चाई" या "कोविड वैक्सीन एचआईवी" के लिए सुझाव देगा। अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिका में 2022 के मध्यावधि चुनावों के बारे में आने वाले आधे से अधिक खोज परिणामों में "अति-पक्षपातपूर्ण वाम-झुकाव वाली बयानबाजी" शामिल थी।

प्लेटफार्म पर व्यापक गलत सूचना

टिकटॉक प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले घरेलू उपचार वाले वीडियो की संख्या को देखते हुए इस प्लेटफार्म पर व्यापक गलत सूचना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अमेरिका में बेबी फ़ूड की कमी होने पर घर पर खुद फार्मूला बनाने को बढ़ावा देने वाले वीडियो की भरमार हो गई जिसे बाल रोग विशेषज्ञों ने खतरनाक बताया है। यही नहीं, गर्भपात को गैरकानूनी करार देनेववाले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद गर्भपात के लिए हर्बल उपचार टिकटॉक पर ट्रेंड करने लगे। ऐसे ही एक वीडियो को 1 मिलियन से अधिक बार देखा गया था।

यूक्रेन रूस युद्ध के बारे में भी टिकटॉक पर पुराने और झूठे वीडियो की भरमार देखी गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोई जानकारी या सूचना प्राप्त करने के लिए युवाओं द्वारा टिकटॉक का इस्तेमाल करना एक खतरनाक ट्रेंड है क्योंकि इस प्लेटफार्म पर अधकचरी और फेक जानकारियों की भरमार है। बिना सत्यापित की गई सामग्री लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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