Government Rules On Deepfake: डीपफेक पर सख्ती, सरकार बनायेगी नियम-कानून

डीपफेक पर सख्ती, सरकार बनायेगी नियम-कानून | Government Rules On Deepfake | Deepfake Latest News in Hindi Newstrack

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 23 Nov 2023 4:23 PM GMT
Strictness on deepfake, government will make rules and regulations
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डीपफेक पर सख्ती, सरकार बनायेगी नियम-कानून: Photo- Social Media

Government Rules On Deepfake: नया बवाल डीपफेक का है। डीपफेक का ख़तरा इतना बड़ा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस पर चिंता जतानी पड़ी। इसके बाद अब डीपफेक को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार डीपफेक से निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से मुलाकात की, और इसके बाद कहा कि कंपनियां पता लगाने, रोकथाम, रिपोर्टिंग तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ता जागरूकता बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट कार्रवाई योग्य कार्य की आवश्यकता पर सहमत हुई हैं। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, हम आज ही रेगुलेशन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास डीपफेक के लिए नियमों का एक नया सेट होगा।

यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है। मंत्री ने कहा, डीपफेक लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी। जो आज के निर्णयों पर अनुवर्ती कार्रवाई पर होगी, और मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा होगी।

हाल ही में, प्रमुख अभिनेताओं को निशाना बनाने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए थे जिससे छेड़छाड़ की गई सामग्री और नकली आख्यान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरणों के दुरुपयोग पर चिंता बढ़ गई।

Photo- Social Media

चार बिंदुओं पर सरकार करेगी काम

केंद्र सरकार के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के अधिकारियों की बैठक में सभी सोशल मीडिया के नुमाइंदे शामिल हुए, सभी ने ये माना कि डीपफेक फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। सभी इस बात पर राजी हुए कि डीपफेक के मुद्दे पर तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीपफेक आज एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा बनकर सामने आया है। डीपफेक पर हम सबको चार चीजों पर मिलकर काम करना होगा।

- डीपफेक की कैसे जांच करें, कैसे जानें कि ये डीपफेक है।

- इससे बचाव कैसे करें, इसे वायरल होने से कैसे रोका जाए।

- डीपफेक को रिपोर्ट कैसे किया जाए, ताकि तुरंत कार्रवाई हो सके।

- जागरुकता बढ़ाने के लिए सरकार और इंडस्ट्री मिलकर काम करेगी

दस दिन में कार्रवाई

बैठक में शामिल कंपनियां और एक्सपर्ट्स 10 दिनों के भीतर इन चार बिंदुओं पर कार्रवाई योग्य कदम उठाने पर सहमत हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीपफेक को रोकने के लिए एक नए रेगुलेशन की जरूरत है। इस पर सरकार एक्शन मोड में है।

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि डीपफेक के मुद्दे पर लेबलिंग और वॉटरमार्क को लेकर चर्चा हुई। इस पर सभी की सहमति थी कि इसको करना है लेकिन कई लोगों ने लेबलिंग और वॉटरमार्किंग के तोड़ भी निकाल लिए हैं। इसे लेकर विशेज्ञकों के साथ टेक्निकल चर्चा भी हुई है। प्लेटफॉर्म्स ने कहा कि वो वॉटरमार्किंग और लेबलिंग के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा करने की जरूरत होगी, तबतक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मौजूदा गाइडलाइंस के हिसाब से डीपफेक पर कार्रवाई करेंगी।

पेनल्टी भी लगाने पर विचार

अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से सवाल जवाब के दौरान कहा कि हम जो रेगुलेशन तैयार कर रहे हैं, उसमें पेनल्टी का भी प्रावधान किया जाएगा। ये पेनल्टी उस व्यक्ति पर लगाई जाएगी जिसने डीपफेक को बनाया और उसे अपलोड किया, साथ ही उस प्लेटफॉर्म पर भी पेनल्टी लगाई जाएगी।

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चल रही हैं रिसर्च

सरकारें, विश्वविद्यालय और तकनीकी कंपनियाँ डीपफेक का पता लगाने के लिए अनुसंधान को वित्तपोषित कर रही हैं। पिछले महीने, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और अमेज़ॅन द्वारा समर्थित पहला डीपफेक डिटेक्शन चैलेंज शुरू हुआ। इसमें डीपफेक डिटेक्शन गेम में वर्चस्व के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली दुनिया भर की अनुसंधान टीमें शामिल होंगी। अमेरिका में 20 24 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बड़ी चिंता है कि उसमें डीपफेक से खेल हो सकता है और इसी लिए फेसबुक ने डीप फेक विडियो पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। डीपफेक तकनीक के उद्भव ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक से औपचारिक रिपोर्ट का अनुरोध करने के लिए प्रेरित किया है।

Shashi kant gautam

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