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Google Search Engine: आखिर सर्च इंजन की कब हुई शुरुवात, क्या है काम करने का तरीका, इंटरनेट में क्या है महत्व

How Work Google Search Engine: साल 1998 में Google के लांच होने के बाद तो इंटरनेट जीवन का बेहद जरूरी हिस्सा बनकर लोगों के बीच अपनी मजबूत पहुंच बनाने में कामयाब साबित हुआ।

Jyotsna Singh
Published on: 18 Feb 2024 9:02 AM GMT
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How Work Google Search Engine

Google Search Engine: डिजिटल क्रांति में इंटरनेट का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। ये भी कहना सही होगा कि बिना इंटरनेट के इस्तेमाल के वर्तमान समय में दुनियां भर का सारा इन्फ्रास्ट्रक्चर, सारा तानाबाना धराशाई हो जाने जैसा है। क्योंकि अब हमारा वर्क कल्चर पूरी तरह से इंटरनेट पर ही निर्भर हो चुका है। साथ ही इसके इस्तेमाल से बहुत सी चीजें पहले के मुकाबले आसान हो गई हैं। अब आपके हाथ में मौजूद एक छोटा सा डिवाइस पूरी दुनिया जहां की जानकारी अपने अंदर समाहित रखता है। इंटरनेट की शुरुआत साल 1969 में हुई थी। अमेरिका में रिचर्स और एजुकेशन को बढ़ावा देने के उदेश्य से "अप्रानेट" को जन्म दिया गया था। उस समय इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ अमेरिकी मिलिट्री ही कर पाती थी।"अप्रानेट" के जन्म के बाद इसे साल पहली बात 1974 में कमर्शियल तौर पर पेश किया गया था। "अप्रानेट" का इस्तेमाल पहली बार टेलनेट कंपनी ने किया। जिसके बाद ही इसे इंटरनेट नाम दिया गया।

वहीं सर्च इंजन के तौर पर Google के आने के बाद तो इंटरनेट एक डिजिटल क्रांति के तौर का निर्माता बना। साल 1998 में Google के लांच होने के बाद तो इंटरनेट जीवन का बेहद जरूरी हिस्सा बनकर लोगों के बीच अपनी मजबूत पहुंच बनाने में कामयाब साबित हुआ।

अब आप जो चाहें जानकारी इंटरनेट की मदद से हासिल कर सकते हैं। सवाल चाहे जैसा भी हो, यूजर के इंटरनेट वाले डिवाइस में हर सवाल का जवाब मौजूद है। जिसके लिए हम सबसे पहले सर्च ऑप्शन पर जाकर अपनी जरूरत की सारी जानकारियां हासिल करते हैं। ये सर्च ऑप्शन जिसे टेक्निकल भाषा में सर्च इंजन भी कहते हैं, आज के दौर में बच्चों से लेकर हर वर्ग के लोगों के बीच बेहद अहम जरूरत बन चुका है। कहना गलत न होगा कि शिक्षा के क्षेत्र में सर्च इंजन अपनी महती भूमिका निभा रहा है। आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से-

इस वर्ष में आया था पहला सर्च इंजन

इंटरनेट और सर्च इंजन दोनों के ही बीच चोली दामन का साथ है। ऐसे में सर्च इंजन के अस्तित्व में आने के समय पर गौर करें तो साल 1990 में वर्ल्ड वाइड वेब पर जानकारियों को लोकेट करने के लिए Archie के रूप में सबसे पहले सर्च इंजन के तौर पर निर्मित किया गया था। इस सर्च इंजन को इजाद करने का श्रेय कैनेडियन कंप्यूटर साइंटिस्ट Alan Emtage को जाता है। जिसके बाद समय - समय पर कई वैज्ञानिकों ने अलग - अलग सर्च इंजन की खोज की। और इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या के साथ अपनी उपयोगिता सिद्ध करते गए। इनमें सबसे ज्यादा पॉपुलर सर्च इंजन याहू को साल 1994 में पेश गया वहीं, गूगल सर्च इंजन साल 1995 में अस्तित्व में आया। माइक्रोसॉफ्ट का बिंग साल 2009 में लाया गया है।

इंटरनेट पर इन सर्च इंजन की है मौजूदगी

इंटरनेट पर पूरी दुनियां में कई अलग - अलग सर्च इंजन का उपयोग किया जाता है। लेकिन वर्तमान समय में जिस सर्च इंजन का इस्तेमाल यूजर सबसे ज्यादा करते हैं, उसमें पहला नाम गूगल का आता है। क्योंकि गूगल का इस्तेमाल भारत ही नहीं दुनिया भर के कई देशों में सबसे अधिक संख्या में होता है। इस कड़ी में चीन की बात की जाए तो यहां इंटरनेट सर्च के लिए baidu का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, याहू, बिंग, यांडेक्स, ask.com, इंटरनेट आर्काइव का इस्तेमाल भी इंटरनेट सर्च के लिए किया जाता है।DuckDuckGo गूगल के बाद सबसे तेजी से आगे बढ़ता सर्च इंजन है। आइए जानते हैं। दुनियां भर में इस्तेमाल किए जाने वाले सर्च इंजन के नाम। जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं -

गूगल (Google)

याहू (Yahoo!)

बिंग (Bing)

डकडकगो (DuckDuckGo)

बाईडु (Baidu)- चीनी सर्च इंजन

यानडेक्स (Yandex)- रूसी सर्च इंजन

आस्क (Ask.com)

अबाउट

क्या होता है सर्च इंजन

इंटरनेट पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले टूल में सर्च इंजन का नाम प्रमुखता से आता है। असल में सर्च इंजन इंटरनेट से जुड़ा हुआ एक ऐसा सॉफ्टवेयर सिस्टम है। जिसके माध्यम से वर्ल्ड वाइड वेब पर मौजूद वेब पेज़ तक पहुंचने में मदद मिलती है। सर्च इंजन पर जाकर अपनी क्यूरी के अनुसार कीवर्ड टाइप करते ही उस कीवर्ड से संबंधित सभी वेब पेज की लिस्ट डिवाइस स्क्रीन पर दिखने लग जाती है। यानी दुनिया भर के ज्ञान को समेटे इंटरनेट पर इसके यूजर्स को जरूरत के आधार पर जानकारियों को उपलब्ध करवाने में सर्च इंजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इंटरनेट की मदद से सर्च इंजन कुछ इस तरह करता है काम

.इंटरनेट के अस्तित्व में आने के बाद सर्च इंजन के विकल्प ने जैसे लोगों की जीवन शैली को ही पलट कर रख दिया। हर तरह के ज्ञान को हासिल करने की पहुंच और उसकी दूरी को बेहद आसान बना दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो गूगल सर्च इंजन एक सेकंड में 100 से 1000 पेज को विजिट करता है।अब इस सर्च इंजन के काम करने के तरीके पर नजर डालें तो सेंकडों में मिलियन से भी ज्यादा सर्च रिजल्ट उपलब्ध करने की क्षमता से लैस सर्च इंजन असल में तीन स्टेप्स में काम करता है। जैसे ही यूजर अपनी क्यूरी को लेकर ब्राउजर के सर्च इंजन पर जाता है। सर्च इंजन उसका जवाब तलाशने के लिए क्रॉलिंग करता है। इस स्टेप में यूजर के कीवर्ड को वर्ल्ड वेब वाइड में सर्च करता है। साथ ही ऐसे वेब पेज को खोजता है, जिनसे टाइप किया गया कीवर्ड मैच करे। इसके साथ सर्च इंजन वेब पेज को स्कैन करता है, जिसमें वेब पेज के कंटेंट से लेकर टैग्स और टाइटल की सटीक जांच की जाती है। यानी सर्च इंजन द्वारा खोज परिणामों को कई कारकों के आधार पर रैंक किया जाता है। इनमें कीवर्ड घनत्व, गति और लिंक शामिल हो सकते हैं। सर्च इंजन का उद्देश्य उपयोगकर्ता को सबसे प्रासंगिक परिणाम प्रदान करना है।

दूसरे स्टेप में सर्च इंजन पेज की इंडेक्सिंग यानी खोजे गए जवाबों को डेटाबेस में प्लेस और लिस्ट करने का काम करता है। इस चरण में सर्च इंजन यूजर की क्यूरी के मुताबिक वेबसाइट की रैंकिग करती है। जिसमें अक्सर ऐसा होता है की सर्च रिजल्ट में टॉप वेबसाइट को ज्यादा पेज व्यू मिलते हैं। क्यूंकि यूजर ज्यादातर क्विक रिजल्ट जानने के लिए पहले दूसरे या तीसरे लिंक पर ही क्लिक करना चाहेगा।

अब आखिरी चरण में सर्च इंजन के तीसरे स्टेप पर नजर डालें तो है। यह स्टेप सर्च इंजन पर यूजर की विश्वसनियता और प्राथमिकता बनाए रखने के लिए काफी महत्व रखता है। हर यूजर यही चाहता है कि उसके सवाल का सटीक जवाब मिले। यह रैंकिंग और रिट्राइवल के तौर पर काम करता है। यूजर को उसके सर्च का सबसे सही और सटीक जवाब देने के लिए सर्च इंजन एल्गोरिथ्म यानी किसी कार्य को करने के लिये आवश्यक चरणों की प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं। यानी सर्च इंजन यूजर्स के सवालों पर इसी प्रक्रिया को अपनाकर सर्च किए गए जवाबों को पहले, दूसरे और तीसरे नंबर की रैंकिग अनुसार , यूजर की डिवाइज स्क्रीन पर उपलब्ध करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाता हैं।

सर्च इंजन की आवश्यकता

मौजूदा समय में सर्च इंजन की आवश्यकता की बात करें तो वर्ल्ड वाइड वेब में मौजूद जानकारियों के ढेर में से काम की जानकारियां सेकंडों में मिले इसके लिए सर्च इंजन जरूरी है। कम से कम समय में सवालों के जवाब जानने के लिए सर्च इंजन की जरूरत पड़ती है।

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