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Bluetooth Hacking: अगर आप भी हमेशा ऑन रखते हैं फोन का ब्लूटूथ तो हो जाएं सावधान, आपके डाटा पर हैकर्स की है नजर
Bluetooth Hacking: आज वायरलेस तकनीक के दौर में ब्लू बगिंग या ब्लूटूथ हैकिंग हैकिंग करने का सबसे सरल तरीका बन गया है। ब्लूबगिंग से हैकर्स को डिवाइस पर पूरा नियंत्रण रखने और संवेदनशील डेटा तक पहुंचने में मदद मिलती है।
Bluetooth Hacking Alert: आज के इस आधुनिक युग में अब धीरे-धीरे वायर्ड कनेक्टिविटी पर निर्भरता लोगों की कम हो गई है। अब स्मार्टफोन समेत बहुत से गैजेट नई तकनीक के साथ वायरलेस तरीके से सभी काम को करने में सक्षम है। गैजेट्स के वायरल होने से इन्हें कहीं भी आसानी से ले जाना और इनका उपयोग भी पहले की अपेक्षा काफी आसान हो गया है। ब्लूटूथ और वाईफाई जैसे कनेक्टिविटी के आने से बगैर तारों के जाल को फैलाए एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस को आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है और काफी तेजी से डाटा ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि, एक ओर जहां इस तकनीक के फायदे हैं वहीं, दूसरी ओर इस तकनीक का नुकसान भी काफी अधिक है। वायरलेस तकनीक के आने से साइबर हमले का खतरा और अधिक बढ़ गया है क्योंकि यह वायर्ड तकनीक के अपेक्षा हैकिंग के लिए अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
ब्लूटूथ हैकिंग
वायरलेस तकनीक के आने से सबसे अधिक मामले ब्लूटूथ हैकिंग के सामने आए। ब्लूटूथ हैकिंग को हम ब्लूबगिंग या ब्लूजैकिंग (Bluebugging or Bluejacking) के नाम से भी जानते हैं। इस तरह के हैकिंग प्रक्रिया में हैकर उन उपकरणों को अपना निशाना बनाते हैं जिन्हें आसानी से सर्च कर ब्लूटूथ कनेक्शन से कनेक्ट किया जा सके। इस हैकिंग के जरिए हैकर आपके लैपटॉप कंप्यूटर स्मार्टफोन या किसी अन्य डिवाइस को पेयर कर उससे जुड़ी सभी संवेदनशील और जरूरी जानकारियों को चुरा सकते हैं। साथ ही आपको बगैर भनक लगे वह पूरी तरह से आपके गैजेट पर अपना नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं।
अगर इसके काम करने की पूरी प्रक्रिया की बात करें तो जब ब्लूटूथ उपयोगकर्ताओं के लिए खोज योग्य हो और डिवाइस 10 मीटर की दूरी पर हो ठब एक हैकर एक डिवाइस को हैक कर सकता है और कनेक्ट कर सकता है। डिवाइस से कनेक्ट करने के लिए हैकर कनेक्टिविटी कोड को क्रैक करने के लिए सभी संभावित पासवर्ड आज़माते है। तकनीक के संदर्भ में इसे ब्रूट फ़ोर्स पेयरिंग का नाम दिया गया है। एक बार उपकरण कनेक्ट हो जाने के बाद हैकर बैंकिंग ऐप्स से पैसे का लेन-देन भी कर सकते हैं या फोन से पीड़ितों के निजी वीडियो चुराकर उनका पीछा कर सकते हैं और उन्हें ब्लैकमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही हैकर्स संवेदनशील डेटा चुराने, कॉल, संदेशों तक पहुंच प्राप्त करने और यहां तक कि संपर्कों को संशोधित करने के लिए मैलवेयर इंस्टॉल करते हैं।
ब्लूबगिंग के लिए कौन से उपकरण हैं असुरक्षित
ब्लूटूथ का समर्थन करने वाला कोई भी उपकरण ब्लू-बग हो सकता है। TWS (ट्रू वायरलेस स्टीरियो) या वायरलेस ईयरबड्स हेडफ़ोन, स्मार्टवॉच जो कॉल रिकॉर्ड कर सकते हैं, सभी ब्लूटूथ हैकिंग के लिए असुरक्षित हैं।
ब्लूबगिंग से खुद को कैसे बचाएं?
-जब डिवाइस उपयोग में न हो तो हमेशा अपना ब्लूटूथ बंद कर दें।
-खुले सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने से स्वयं को प्रतिबंधित करें।
-कभी भी सार्वजनिक रूप से या अज्ञात डिवाइस द्वारा ब्लूटूथ पेयरिंग अनुरोध को स्वीकार न करें।
-ब्लूटूथ सेटिंग में अपने (डिवाइस) को अन्य उपकरणों के लिए बंद करें।
-अपने डिवाइस को हमेशा नवीनतम सॉफ़्टवेयर और उपलब्ध सुरक्षा पैच के साथ अपडेट करें।
-अपने ब्लूटूथ से जुड़े सभी उपकरणों पर नज़र रखें और सहेजे गए उपकरणों को हटा दें यदि वे उपयोग में नहीं हैं।
-जब भी आप सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते हैं तो अपने डिवाइस को रीबूट या पुनरारंभ करें।
-अपने ब्लूटूथ डिवाइस को अपने नाम से न रखने का प्रयास करें।
-हमेशा अपने डिवाइस पर एंटीवायरस एप्लिकेशन का उपयोग करें और अपने डिवाइस को वायरस और मैलवेयर के लिए नियमित रूप से स्कैन करें।
-संवेदनशील डेटा को ब्लूटूथ के माध्यम से साझा या स्थानांतरित न करने का प्रयास करें।