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Automatic Signature Machine: ज्यादा हस्ताक्षर करने हों तो ले सकते हैं आटोमेटिक मशीन की मदद

आज बाजार में कम से कम एक दर्जन तरह की सिग्नेचर डुप्लीकेटिंग मशीनें हैं और ऑनलाइन आटोमेटिक सिग्नेचर मेकर सुविधा उपलब्ध है। ये हस्ताक्षर करने वाली आटोमेटिक मशीन कई दशकों से उपलब्ध हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 28 July 2022 8:47 PM IST
Automatic Signature Machine
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पुराने समय की आटोमेटिक सिग्नेचर मशीन। (Social Media)

Automatic Signature Machine: अगर आपको किसी सेलेब्रिटी या व्यस्त राजनेता के हस्ताक्षर वाला कोई पत्र आदि मिले तो बहुत मुमकिन है कि वह हस्ताक्षर आटोमेटिक सिग्नेचर मशीन (Signature Automatic Signature Machine) द्वारा बनाया गया हो। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक विडियो क्लिप चल रही है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि बाजार में हस्ताक्षर कॉपी करने वाली मशीन आ गयी है सो लोगों को सावधान हो जाना चाहिए। ये भ्रामक सूचना है।

दरअसल हस्ताक्षर करने वाली आटोमेटिक मशीन कई दशकों से उपलब्ध हैं। ये कोई नई चीज नहीं है। जिन लोगों को हर दिन ढेरों हस्ताक्षर करने होते हैं उनकी सहूलियत के लिए पहली सिग्नेचर डुप्लीकेटिंग मशीन ब्रिटेन के जॉन आइजैक हॉकिन्स (John Isaac Hawkins of Britain) द्वारा डेवलप की गई थी। हॉकिन्स (John Isaac Hawkins of Britain) ने 1803 में अपने उपकरण के लिए अमेरिका का पेटेंट हासिल किया था। 1804 में थॉमस जेफरसन ने इस उपकरण का व्यापक रूप से उपयोग करना शुरू किया।

बाजार में कम से कम एक दर्जन तरह की हैं सिग्नेचर डुप्लीकेटिंग मशीनें

आज बाजार में कम से कम एक दर्जन तरह की सिग्नेचर डुप्लीकेटिंग मशीनें हैं और ऑनलाइन आटोमेटिक सिग्नेचर मेकर सुविधा उपलब्ध है। लेकिन शुरूआती मशीन इनसे एकदम अलग थी। 1930 के दशक में रोबोट पेन नामक मशीन डेवलप की गयी थी जो 1937 में व्यावसायिक रूप से बाजार में बिकने लगी। ये मशीन उसी सिद्धांत पर काम करती थी जिसपर विनाइल रिकॉर्ड काम करते हैं।

व्यावसायिक रूप से सफल पहला ऑटोपेन 1942 में रॉबर्ट एम. डी शाज़ो (Robert M. de Shazo), जूनियर द्वारा विकसित किया गया था।

डी शाज़ो ने जो तकनीक विकसित की थी उसे अमेरिकी नौसेना की स्वीकृति मिली। सरकारी कामकाज में ऑटोपेन की ये शुरुआत थी और बहुत जल्द ऐसी मशीनें कांग्रेस, सीनेट और कार्यकारी शाखाओं के सदस्यों के कार्यालयों में आ गईं। एक समय पर, डी शाज़ो (Robert M. de Shazo) ने अनुमान लगाया था कि वाशिंगटन, डी.सी. में 500 से अधिक ऑटोपेन उपयोग में थे। 2005 में अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ऑटोपेन के जरिये बिलों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार है।

आमतौर पर ऑटोपेन इस्तेमाल करने वाले इसका खुलासा नहीं करते हैं। लेकिन यह लंबे समय से ज्ञात है कि अमेरिका के राष्ट्रपति कई आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कई तरह के ऑटोपेन सिस्टम का उपयोग करते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि हैरी ट्रूमैन पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने मेल का जवाब देने और चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए ऑटोपेन का इस्तेमाल किया। जेराल्ड फोर्ड पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने खुले तौर पर ऑटोपेन के उपयोग को स्वीकार किया था।

क्या है ये मशीन

ऑटोपेन या साइनिंग मशीन (signing machine) एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग आटोमेटिक रूप से हस्ताक्षर या ऑटोग्राफ के लिए किया जाता है। मशहूर हस्तियों, राजनेताओं और सार्वजनिक हस्तियों को एक दिन में सैकड़ों पत्र मिलते हैं, जिनमें से कई व्यक्तिगत जवाब का अनुरोध करते हैं। ऐसी स्थिति में ऑटोपेन बहुत उपयोगी होते हैं क्योंकि ये असली हस्ताक्षर की तरह प्रतीत होते हैं और ऐसे हस्ताक्षर युक्त पत्र को पाने पाने वाले को लगता है कि भेजने वाले ने खुद उस पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इससे एक जुड़ाव बनता है।

सुरक्षा और प्रमाणिकता

ऑटोमेटिक हस्ताक्षर मशीन (automatic signature machine) किसी का हस्ताक्षर कॉपी नहीं कर सकती है। आटोमेटिक हस्ताक्षर के लिए यूजर को उस मशीन में जुड़े कलम को पकड़ कर हस्ताक्षर करना होता जो मशीन की मेमोरी में स्टोर हो जाता है। यदि आप हस्ताक्षर के साथ शुभकामना सन्देश भी स्टोर करना चाहते हैं तो वह भी हो सकता है। मशीन में मेमोरी को अलग भी किया जा सकता है और मशीन से जुड़े कलम को भी हटाया जा सकता है। आधुनिक ऑटोपेन हस्ताक्षर और वाक्यांशों को स्टोर करने के लिए स्मार्ट कार्ड या यूएसबी फ्लैश ड्राइव का उपयोग करते हैं। मशीन के प्रत्येक मॉडल में अलग-अलग सिक्यूरिटी फीचर होते हैं ताकि उनका दुरुपयोग न होने पाए। मशीन के अवांछित उपयोग को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के लॉकिंग हार्डवेयर भी उपलब्ध हैं। हर बार मशीन चालू होने पर एक पासवर्ड दर्ज करने की आवश्यकता होती है। ऑटोपेन में प्रामाणिकता बनाने के लिए लिखने वाले की पसंदीदा कलम और स्याही का उपयोग किया जा सकता है।

ऑटोपेन की लिखावट में भी अंतर

ऑटोपेन (Auto Pen) की लिखावट मूल लिखावट से अलग होती है क्योंकि मूल लिखावट में कागज पर कलम से अलग अलग दबाव बनता है। जबकि मशीनी कलम से हस्ताक्षर में एकसमान दबाव और एक सामान स्याही का डिस्ट्रीब्यूशन होता है। कलेक्टर्स के लिए मशीनी हस्ताक्षर की कोई वैल्यू नहीं होती है।



Deepak Kumar

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