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Jitendra E-Scooter: ई-स्कूटर में जितेन्द्र शर्मा बन गए भारत के दूसरे सबसे बड़े प्लेयर

Jitendra E-Scooter: इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर के क्षेत्र में जितेन्द्र शर्मा भारत के भारत के दूसरे सबसे बड़े प्लेयर बन गए है। आइए जानते है जितेन्द्र शर्मा के सफल यात्रा के बारे में...

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 3 Dec 2021 9:37 AM GMT
Jitendra Sharma okinawa
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जितेंद्र शर्मा (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Jitendra E-Scooter: अब ज़माना बिजली यानी बैटरी से चलने वाले वाहनों का है। जिस तरह पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) महंगे होते जा रहे हैं और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है उसमें एक विकल्प बैटरी चालित गाड़ियों का ही है और इसीलिए पूरी दुनिया इस और जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की दुनिया में टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) का नाम सब जानते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी नगीने हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है और इनमें शामिल है भारत के अपने जितेन्द्र शर्मा (Jitendra Sharma) का नाम। जितेन्द्र शर्मा की सफल यात्रा के बारे में प्रतिष्ठित पत्रिका फ़ोर्ब्स ने भी कसीदे कसे हैं।

दरअसल, जितेन्द्र शर्मा की बैटरी वाहनों (battery vehicles) की यात्रा 2015 में शुरू हुई थी। उस समय वो गुरुग्राम में थे और एक्टिव बनाने वाली कंपनी होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया में काम करते थे। जितेन्द्र के अनुसार वो जब आते जाते बैटरी वाली स्कूटी चलाते लोगों को देखते तो बड़ी कोफ़्त होती थी। उन स्कूटी में न रफ़्तार थी और न पावर। दो सवारियों के साथ फ्लाईओवर पर चढ़ना नामुमकिन होता था। जीतेन्द्र ने 14 साल तक होंडा में काम किया और एक्टिव की सफलता के पीछे उनका भी बड़ा योगदान था।

होंडा छोड़ने के बाद जितेन्द्र ने ई-स्कूटर (jitendra electric scooter review) बनाने के क्षेत्र में उतरने की सोची और इस बारे में भारत भर में घूम-घूम कर लोगों से मिले और सर्वे करके महत्वपूर्ण जानकारी जमा की। ये जानकारी निराशाजनक थी। लोगों के मन में ई-स्कूटर के प्रति बहुत खराब राय थी। लेकिन जितेन्द्र ने ठान लिया कि वो लोगों के मन को बदल कर रहेंगे और अपनी ई-स्कूटर लांच करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपनी जमा पूँजी के अलावा दोस्तों और परिवारवालों से 25 करोड़ जुटाए और अपना खुद का ई-स्कूटर ब्रांड 'ओकिनावा' (Okinawa) शुरू किया। जितेन्द्र की पत्नी डॉक्टर हैं और उन्होंने अपने पति के विज़न का पूरा साथ दिया। पत्नी ने अपना डॉक्टरी का पेशा ही छोड़ दिया और जितेंद्र के वेंचर में पूरी तरह जुड़ गईं। लेकिन ऐसा नहीं कि हर कोई पति-पत्नी के विज़न के साथ था, लोग उनकी हंसी उड़ाते और कहते कि वे फेल हो जायेंगे, उनका स्कूटर कोई नहीं खरीदेगा।

जितेन्द्र शर्मा (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

बहरहाल, दो साल की रिसर्च के बाद 2016 में जीतेन्द्र ने एक इलेक्ट्रिक स्कूटर का प्रोटोटाइप बनाया और उससे देशभर में 25 हजार किलोमीटर की यात्रा की। इस यात्रा का मकसद था कि उस ई-स्कूटर की सभी छोटी सी छोटी गड़बड़ियाँ पहचान कर अंत में फाइनल लौन्चिंग के समय उन्हें दूर कर दिया जाये। एक साल के बाद शर्मा ने अपना स्कूटर लांच किया जिसका नाम था 'रिज।'(okinawa ridge+) एक साल में उन्होंने दस हजार स्कूटर बेच डाले। शर्मा का वेंचर हिट हो गया था और बिक्री तेज रफ़्तार से बढ़ गयी। 2018 में ओकिनावा कंपनी ने 100 करोड़ की कमाई की और अगले साल कंपनी की बिक्री (okinawa electric scooter sales) 50 हजार क्रॉस कर गयी।

वित्त वर्ष 2021 में ओकिनावा ने 155 करोड़ की कमाई की है। अब तक इसके एक लाख स्कूटर बिक चुके हैं और आज भारत के एलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार में ओकिनावा दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। इसका बाजार शेयर 17 फीसदी है जबकि हीरो इलेक्ट्रिक 36 फीसदी शेयर (okinawa share price) के साथ टॉप पर है। तीसरे नंबर पर है एम्पेयर जिसका मार्केट शेयर 14 फीसदी है।

ओकिनावा का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट राजस्थान (okinawa rajasthan) के अलवर में है जहाँ सालना 90 हजार स्कूटर बनाने की कैपेसिटी है। कंपनी के तीन मॉडल हैं जिनकी कीमत 62 हजार से एक लाख रुपये तक है। अब ओकिनावा की योजना 200 करोड़ रुपये निवेश करके एक नया प्लांट स्थापित करने की है जहाँ सालाना दस लाख स्कूटर बन सकेंगे। कंपनी का इरादा 2025 तक दस लाख स्कूटर बेचने का है। ओकिनावा के स्कूटर की खासियत (okinawa benefits) है कि इनकी बैटरी निकाल कर अलग से चार्ज कर सकते हैं जिसके लिए सामान्य थ्री पिन चार्जिंग पॉइंट पर्याप्त है। ओकिनावा की बिक्री ज्यादातर छोटे शहरों और कस्बों में है।

Chitra Singh

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