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5G Technology: जानें 5जी टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान
5G Technology: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के प्रगति मैदान से 5जी तकनीक के शुभारंभ के साथ ही देश में आज से 5G Technology का युग शुरू हो गया है।
5G Technology in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के प्रगति मैदान से 5जी तकनीक के शुभारंभ के साथ ही देश में आज से 5G Technology का युग शुरू हो गया है। 5G नेटवर्क इंटरनेट की स्पीड को कई गुना बढ़ा सकता है। इंटरनेट की यह रफ्तार आपकी जिंदगी को बदल सकती है। पहले फेज में देश के 13 शहरों में 5G कनेक्टिविटी की शुरूआत होगी। इनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं।
अभी केवल दो टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल और जिओ ही 5जी सर्विस मुहैया करा रहे हैं। जिओ ने दिवाली तक देश के सभी मेट्रो शहरों तक 5जी लॉन्च करने का ऐलान किया है। 5जी तकनीक स्वास्थ्य, एजुकेशन, बैंकिंग सेक्टर, ट्रांसपोर्ट, पॉवर और स्पेस समेत सभी क्षेत्रों में बड़ा परिवर्तन लाएगी। लेकिन जिस तरह हरेक सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह 5जी इंटरनेट सर्विस के भी दो सकारात्म और नकारात्मक पक्ष हैं। तो आइए एक नजर उस पर डालते हैं।
5जी नेटवर्क के फायदे
1. इंटरनेट की रफ्तार 20 से 100 गुना तेज (एक हजार एमबीपीएस तक) हो जाएगी।
2. बड़े से बड़ा डेटा को आसानी से अपलोड, डाउनलोड या ट्रांसफर किया जा सकेगा।
3. फिलहाल जिस फिल्म को डाउनलोड करने में 5-10 मिनट लगते हैं, वो चंद सेकेंड में हो जाएगी।
4. हाई क्वालिटी के वीडियो बिना रूकावट के देख सकेंगे, गेमिंग की स्पीड भी बढ़ेगी।
5. घर के सभी स्मार्ट डिवाइसेज को फोन से कनेक्टर कर बाहर से कंट्रोल कर सकेंगे।
6. एक साथ कई यूजर्स के जुड़ने पर भी इंटरनेट की रफ्तार कम नहीं होगी।
7. हाई स्पीड इंटरनेट से रोबोट, ड्रोन और ऑटोमैटिक गाड़ियों का संचालन हो सकेगा।
8. अभी जो काम कंप्यूटर या लैपटॉप से ही हो सकते हैं, उन्हें मोबाइल से किया जा सकेगा।
5जी नेटवर्क के नुकसान
1. 5जी नेटवर्क से इंटरनेट यूजर्स की निजता को सबसे बड़ा खतरा है।
2. तकनीकी विशेषज्ञ मानते हैं कि 5जी के आने के बाद हैकर्स यूजर्स का डाटा अधिक तेजी और आसानी से हैक कर सकते हैं।
3. नीदरलैंड में साल 2020 में 5जी टेस्टिंग के दौरान अचानक 297 पक्षियों की मौत हो गई थी।
4. इसके लिए अधिक बैंडविथ की आवश्यकता होती है, जिसके लिए टॉवरों की संख्या कई गुना बढाई जाएगी।
5. पर्याप्त टॉवर के न होने पर इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या मौजूदा समय से बढ़ जाएगी। मोम
6. मोबाइल टॉवर्स को रेडिएशन के लिए खतरनाक माना जाता है, इसलिए इसका विरोध भी हो रहा है।
7. 5जी नेटवर्क के लिए 6GHz रेडियो फ्रीक्वेंसी की जरूरत होगी, जो पहले ही सैटेलाइट्स व अन्य सिग्नल से भरी हुई है। रेडियो फ्रीक्वेंसी की तेज रफ्तार हाई स्पीड इंटरनेट की राह में एक रोड़ा है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रेडियो फ्रीक्वेंसी को हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना है।
बता दें कि अप्रैल 2020 में नीदरलैंड में बड़ी संख्या में लोग 5जी नेटवर्क के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शनकारियों ने कई टॉवरों को तोड़कर उन्हें आग के हवाले कर दिया था। भारत में भी इसके दुष्प्रभावों को लेकर सिविल सोसाइटी द्वारा चिंता व्यक्त की जाती रही है।