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Internet Subscriptions in India: इंटरनेट से जुड़ नहीं रहे लोग, कनेक्टिविटी हुई धीमी

Internet Subscriptions in India: भारत में नए लोगों के इंटरनेट से जुड़ने की रफ्तार थम रही है। ट्राई के डेटा के अनुसार, साल 2021 में देश में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स 1 फीसदी से भी कम बढ़े।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 8 Jan 2023 4:22 PM IST
Internet In India
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Internet In India। (Social Media)

Internet Subscriptions in India: भारत में नए लोगों के इंटरनेट से जुड़ने की रफ्तार थम रही है। ट्राई के डेटा के अनुसार, पिछले दो साल से भारत में ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या एक ही जगर स्थिर बनी हुई है। साल 2021 में देश में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स 1 फीसदी से भी कम बढ़े। जानकार इसकी वजह स्मार्टफोन की महंगाई को मान रहे हैं। स्मार्टफोन महंगे होने के चलते गरीब लोग स्मार्टफोन खरीद नहीं पा रहे हैं और इसके चलते इंटरनेट से भी नहीं जुड़ पा रहे।

केंद्र और राज्य सरकारें जहां ज्यादातर सरकारी योजनाओं को डिजिटल बनाए जाने पर जोर दे रही हैं, वहीं इंटरनेट प्रसार में यह सुस्ती चिंताजनक है। सरकार ने रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी कई योजनाओं को लगभग ऑनलाइन बना दिया है। लेकिन भारत में अब भी करीब आधी आबादी के पास ऐसा इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, जिससे कोई काम हो सके।

ट्राई के आंकड़े

ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 2022 की जुलाई के अंत तक भारत में 80 करोड़ से कुछ ज्यादा इंटरनेट सब्सक्रिप्शन थे। इनमें से कई मामलों में एक ही व्यक्ति के पास एक से ज्यादा इंटरनेट सब्सक्रिप्शन रहे होंगे। भारत की जनसंख्या 141 करोड़ से ज्यादा चुकी है यानी अब भी भारत में करोड़ों लोग इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं।

बड़ी डिजिटल दरार

अंतरराष्ट्रीय संस्था ऑक्सफैम की असमानता पर 2022 की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना महामारी के बाद से एक डिजिटल खाई भी बनी है जिसकी एक तरफ ऐसे लोग हैं जो डिजिटलीकरण का लाभ ले रहे हैं और दूसरी तरफ वो लोग हैं जो इस डिजिटल दुनिया से आज तक जुड़ ही नहीं पाए। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में डिजिटल सेवाएं 70 प्रतिशत लोगों के पास या तो नहीं पहुचतीं हैं या खराब रूप में पहुंचती हैं। 2022 में ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 31 प्रतिशत परिवारों के पास इंटरनेट था। वहीं शहरों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 67 प्रतिशत है।

स्मार्टफोन नहीं तो इंटरनेट नहीं

ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में देश में 1.2 अरब लोगों के पास मोबाइल फोन थे लेकिन इनमें से करीब 40 प्रतिशत लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं थे। रिपोर्ट के मुताबिक जहां कम से कम 61 प्रतिशत पुरुषों के पास मोबाइल फोन है, वहीं महिलाओं में यह संख्या 31 प्रतिशत पर ही रुक जाती है। इसके अलावा, एक अशिक्षित व्यक्ति के मुकाबले एक पीएचडी हासिल कर चुके व्यक्ति के पास मोबाइल फोन होने की 60 प्रतिशत ज्यादा संभावना है।

इंटरनेट पर खर्च

रिपोर्ट के मुताबिक देश में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग इंटरनेट पर एक महीने में 100 रुपए से कम खर्च करते हैं। महामारी के बाद 100 रुपए से कम खर्च करने वालों की संख्या बढ़ कर 94 प्रतिशत हो गई है।

स्कूलों में कनेक्टिविटी

जानकार सबसे पहले स्कूलों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी अच्छी किए जाने पर जोर देते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश के केवल 34 फीसदी स्कूलों में ही इंटरनेट पहुंच सका है। कोरोना काल में भी डिजिटल शिक्षा को लेकर काफी बातें हुई थीं लेकिन आंकड़े उन बातों से मेल नहीं खाते। जहां 2016 से 2020 तक इंटरनेट प्रसार में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी हुई, वहीं 2020 में यह 4 फीसदी रही और उसके बाद से 1 फीसदी से भी कम है। वर्तमान में भारत भर में कई ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा जा चुका है। लेकिन ज्यादातर मामलों में इंटरनेट सिर्फ पंचायत भवन तक ही सीमित होकर रह जाता है।



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Deepak Kumar

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