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प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के जश्न का दिन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

आजकल जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है वैसे ही ये हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है।

rajeev gupta janasnehi
Written By rajeev gupta janasnehiPublished By Suman Mishra
Published on: 11 May 2021 9:06 AM IST (Updated on: 11 May 2021 1:13 PM IST)
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
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सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ : हर साल की तरह इस साल भी 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन देश में टैक्नोलॉजी क्रांति आई थी। जरा सोचिये अगर टेक्नोलॉजी (Technology) ना हो तो दूरसंचार, मेडिकल, शिक्षा, व्यापार आदि में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चाहे देश हो या विदेश अगर विकास करना है तो टेक्नोलॉजी की एक अहम भूमिका होती है।

आजकल जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है वैसे ही ये हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि टेक्नोलॉजी हमारी हर जरूरत को पूरा करने में हमारी मदद करती है। ये हमारे काम को बेहतर और आसान बनाती है।

विकास के लिए जरूरी अंग टेक्नोलॉजी

भारत भी दिन-प्रतिदिन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विकास कर रहा है और हर साल भारत में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाया जाता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्ववधान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है। यह दिवस ऑपरेशन शक्ति के परमाणु परीक्षण के पहले पांच टेस्ट की वर्षगांठ मनाने के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष इस दिन को अलग-अलग थीम से मनाया जाता है। कोविड 19 के चलते इस बार कुछ पता नहीं चल रहा किस थीम पर कौन सा दिन मनाया जा रहा है।

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

परमाणु परीक्षण को याद रखने का दिन

1998 को पोखरण में आयोजित परमाणु परीक्षण को याद रखने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्र गर्व के साथ अपने वैज्ञानिको की उपलब्धियों को याद करता है।यह दिवस हमारी ताकत, कमज़ोरियों, लक्ष्य के विचार मंथन के लिये मनाया जाता है, जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमें देश की दशा और दिशा का सही ज्ञान हो सके। इस समारोह में विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकि शोध संगठन पूरे देश में जश्न मनाते हैं।

यह भारत के सभी नागरिकों के लिए गर्व का विषय था। यह दिन हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व की भी प्रशंसा करता है। 1998 में 11 और 13 मई को जब भारत ने राजस्थान के पोखरण में पांच परमाणु परीक्षण किए थे। प्रारंभिक पांच परीक्षण 11 मई को आयोजित किए गए थे । जब पास के भूकंपीय स्टेशनों में 5.3 रिचटर स्केल के भूकंप को रिकॉर्ड करते समय तीन परमाणु बम विस्फोट किए गए थे। 13 मई को दो परीक्षणों को बनाए रखा गया, तब से भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।

फिर नाभिकीय क्लब में शामिल हुआ भारत

1998 को भारत ने पोखरण (राजस्थान) में अपना दूसरा सफल परीक्षण किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आपरेशन 'शक्ति' के बाद भारत को एक पूर्णकालिक नाभिकीय देश घोषित किया था। इसने भारत में नाभिकीय क्लब में शामिल होने वाले छठे देश का दर्जा दे दिया था। इसके साथ ही स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट 'हंस 3' ने इसी दिन परीक्षण उड़ान भरी थी और तो और इसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

तकनीकी उपलब्धियों के लिए गौरवान्वित

भारत के राष्ट्रपति इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार असाधारण वैज्ञानिक और तकनीकीय उपलब्धियों के लिए दिया जाता हैं। यह प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा पुरस्कार स्वरूप 10 लाख रुपये और ट्राफी भी प्रदान की जाती है।

हर भारतीय भारत के असाधारण वैज्ञानिक और तकनीकीय उपलब्धियों गर्व करता हे साथ ही सभी देशवासी अपने देश पर गर्व होना चाहिए साथ अपने वैज्ञानिक और तकनीकीय उपलब्धियों को कम नही आंकना चाहिए ।देखा लिया कोविद 19 की वैक्सिन भी हमने बनाकर दुनिया को अचम्भित कर दिया सभी देश वंशियों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की बधाई व शुभकामनाएँ।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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