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Web 3: बन रहा है वेब-3, यूजर होगा असली मालिक

Web 3 : वेब - 3 का फोकस है इंटरनेट पर मौजूद धाकड़ मिडिलमैन को सिरे से हटा देना

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 23 Nov 2021 6:21 AM GMT
Web 3: बन रहा है वेब-3, यूजर होगा असली मालिक
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Web 3: बन रहा है वेब-3, यूजर होगा असली मालिक (Social Media)

Web 3: टेक, क्रिप्टो और वेंचर कैपिटल से जुड़े लोगों के बीच एक नई चर्चा तेजी से परवान चढ़ी है जिसका नाम है वेब-3 (Web 3)। ये आने वाली टेक्नोलॉजी है सो आप भी इससे रूबरू हो जाइए नहीं तो बहुत सी जगह बातचीत के हिस्से से आप वंचित रह जाएंगे। दरअसल वेब - 3 (web 3) का फोकस है इंटरनेट पर मौजूद धाकड़ मिडिलमैन को सिरे से हटा देना। इस नए युग में इंटरनेट (Internet ) पर सर्फिंग करने का मतलब ये नहीं होगा कि आप गूगल, (Google) ट्विटर (Twitter), (Facebook) फेसबुक पर लॉग इन करें।

इसे कुछ इस तरह समझिए : 90 के दशक में इंटरनेट के शुरुआती दिनों में वेब 1.0 वर्जन चल रहा था। उस दौरान इंटरनेट (Internet service) नकारियों तक पहुंचने का लोकतांत्रिक जरिया कहा गया था यानी हर कोई किसी भी जानकारी तक पहुंच रखता था। लेकिन उस शुरुआती दौर में ब्राउज़िंग या सर्फिंग के बेहद सीमित तरीके थे। पूरा इंटरनेट बहुत अव्यवस्थित और उलझाऊ था। कुछ बरसों बाद 2000 के दशक के मध्य में आगमन हुआ वेब 2.0 का। इसमें गूगल, अमेज़न, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफार्म सामने आए जिनके जरिये सर्फिंग, लोगों से संपर्क और उनसे कनेक्टिविटी तथा ऑनलाइन लेनदेन बहुत आसान हो गया, लेकिन, जिंदगी और इंटरनेट आसान बनाने वाली कंपनियों ने इस क्रम में अत्यधिक शक्ति हासिल कर ली। शक्ति लोगों और समाज को अपनी तरह से तोड़ने-मरोड़ने की।

अब वेब 3 का मकसद उन्हीं कंपनियों से शक्ति वापस लेना है

आभी की स्थिति को बयां करते हुए न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में इंटरनेट के फ्यूचर के शोधकर्ता मैट ड्राईहर्स्ट कहते हैं कि चंद कंपनियां इंटरनेट को कंट्रोल करती हैं। एक तरफ वो हैं तो दूसरी तरफ इंटरनेट के यूजर हैं। हमारे जैसे यूजर ही उन कंपनियों के प्लेटफार्मों को सफल बनाते हैं लेकिन हमारे पास उसके बदले में दिखाने को कुछ नहीं है। ऐसे में जवाब है वेब 3 जहां ऐसे नए सोशल नेटवर्क, सर्च इंजन और ऑनलाइन बाजार उपलब्ध कराएगा जिन पर चंद कंपनियों का कंट्रोल नहीं होगा।

  • ये सब चीजें विकेन्द्रीकृत होंगी जो एक ऐसे सिस्टम पर बनेंगी जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। ब्लॉकचेन अभी ही चलन में है जिसपर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसियां बनती और चलती हैं। ब्लॉकचेन एक ऐसा बहीखाता है जहां ढेरों कंप्यूटर एक साथ डेटा को होस्ट करते हैं जिन्हें कोई भी सर्च कर सकता है। ये बहीखाता किसी एक कॉर्पोरेट की बजाए कई लोगों द्वारा सामूहिक रूप से ऑपरेट किया जाता है। इस सिस्टम में भागीदारी के बदले लोगों को टोकन दिए जाते हैं। इन टोकन का इस्तेमाल किसी निर्णय पर वोट करने के लिए किया जा सकता है और ये टोकन किसी मुद्रा की तरह अपनी वैल्यू भी उत्पन्न कर सकते हैं। मिसाल के तौर पर, बिटकॉइन ऐसा ही एक टोकन है।।
  • वेब 3 की दुनिया में लोग अपने डेटा को खुद कंट्रोल करेंगे। बजाए इसके कि कोई कॉर्पोरेट या सरकार उसे कंट्रोल करे। लोग एक सिंगल एकाउंट का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया से लेकर शॉपिंग और ईमेल तक उपयोग कर सकेंगे। इन सभी गतिविधियों का सार्वजनिक रिकॉर्ड ब्लॉकचेन पर बनता जाएगा। पूरा इंटरनेट बदल जायेगा, ये आईडिया अभी कल्पनालोक की बात लगता है लेकिन वेब 3 के बारे में विश्व भर में बहुत चर्चा है, इसमें खासकर क्रिप्टो निवेशकों द्वारा अच्छी खासी रकम लगाई जा रही है।
  • टेक्नोलॉजी के आविष्कारकों और क्रिप्टोग्राफरों के बीच वेब 3 की परिकल्पना कई साल से है केकिन हाल के महीनों में ब्लॉकचेन आधारित भविष्य की चर्चा टेक्नोलॉजी सम्मेलनों और सोशल मीडिया ग्रुप्स में टॉप पर बनी हुई है। हर जगह इसकी इतनी चर्चा है की धाकड़ टेक कंपनियों को भी वेब 3 के लिए अलग टीमें बनाने पर मजबूर होना पड़ा है। ये एक विरोधाभासी स्थिति है कि जिन कंपनियों के चंगुल से इंटरनेट को आज़ाद करने की कवायद की जा रही है, वही कंपनियां इस कवायद में घुस रही हैं।
  • वेब 3 के बारे में उत्साहित टेक एक्सपर्ट्स को आशा है कि नया इंटरनेट कुछ ऐसा होगा, जहां फोटो शेयर करना, दोस्तों से बात करना या ऑनलाइन शॉपिंग के लिए बड़ी टेक कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बल्कि ये सब ब्लॉकचेन में लगी ढेरों छोटी छोटी कंपनियों के जरिये होगा। यहां आप जब भी कोई मैसेज पोस्ट करेंगे तो आपके योगदान पर आपको एक टोकन मिलेगा जिससे आपको ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर अपने योगदान की मिल्कियत भी मिलेगी और भविष्य में आप अपने टोकन को कैश भी करा सकेंगे। वस्तुतः इसका मतलब ये भी होगा कि वेब 3 पर न कोई फीस होगी, न नियम होंगे और न कंपनियों के दिशानिर्देश होंगे। इसका मतलब ये होगा कि इंटरनेट पर जो भी वैल्यू क्रिएट की जाएगी वह कंपनी के मालिकों, निवेशकों और कर्मचारियों के बजाए अधिक से अधिक लोगों के बीच शेयर होगी।
  • ट्विटर के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर एस्थर क्राफोर्ड के अनुसार ट्विटर अपने में वेब 3 के कांसेप्ट लागू करने के तरीकों के बारे में अध्ययन कर रहा है। इरादा है कि ट्विटर के एक क्रिप्टो संस्करण तैयार किया जाए। एस्थर के अनुसार कम्पनी ये मानती है कि वेब 3 अब सिर्फ थ्योरी में नहीं है बल्कि अब इसके निर्माण का समय है।
  • वेब 3 के डेवलपमेन्ट में कई लोग पैसा लगा रहे हैं। मिसाल के तौर पर सोशल मीडिया साइट रेडिट के सह संस्थापक एलेक्सिस ओहानियन ने सोलाना ब्लॉकचेन पर विकेन्द्रीकृत सोशल मीडिया प्लेटफार्म के डेवलपमेंट में 100 मिलियन डॉलर निवेश करने का ऐलान किया है। इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी के सबसे बड़े ट्रेडिंग प्लेटफार्म बियांस लैब्स ने वेब 3 डेवलपमेंट में 8 मिलियन डॉलर लगाए हैं। इनके अलावा क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से जुड़ी तमाम कंपनियों और ग्रुपों ने वेब 3 के लिए निवेश किया है और मिलकर काम कर रहे हैं।
Ragini Sinha

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