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BJP: हैदराबाद में भाजपा की बड़ी बैठक के पीछे खास मकसद, टीआरएस को गढ़ में घेरने की तैयारी
BJP: तेलंगाना में BJP लगातार सीएम केसीआर और उनकी पार्टी के नेताओं को घेरने में जुटी है।
BJP: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 2 और 3 जुलाई को हैदराबाद में होने वाली है। पार्टी की इस बड़ी बैठक को हैदराबाद में आयोजित करने के पीछे पार्टी का बड़ा मकसद बताया जा रहा है। दरअसल तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यही कारण है कि तेलंगाना में बैठक के जरिए पार्टी राज्य में अपनी सियासी पकड़ को और मजबूत बनाना चाहती है।
तेलंगाना को टीआरएस का गढ़ माना जाता है और राज्य में लंबे समय से टीआरएस के मुखिया के चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री पद पर काबिज है। भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में केसीआर को कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश में जुटी हुई है। इस सिलसिले में भाजपा नेता लगातार तेलंगाना का दौरा करने में जुटे हुए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के अन्य सभी दिग्गज नेता पहुंचेंगे। ऐसे में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूती मिलना तय माना जा रहा है।
तेलंगाना में दिख रहीं चुनावी संभावनाएं
भाजपा लंबे समय से दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। कर्नाटक को छोड़कर अन्य किसी भी राज्य में भाजपा को अभी तक ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी है। ऐसे में पार्टी को तेलंगाना मैं अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अच्छी चुनावी संभावनाएं नजर आ रही है। यही कारण है कि पार्टी की ओर से तेलंगाना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन तय किया गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के अनुसार बैठक 2 जुलाई को शाम चार बजे शुरू होगी और 3 जुलाई की शाम बैठक का समापन होगा। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पार्टी के दूसरे दिग्गज नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे। ऐसे में तेलंगाना के भाजपा कार्यकर्ताओं को बूस्ट करने में यह बैठक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
महामारी के बाद दिल्ली के बाहर पहली बैठक
कोरोना महामारी के बाद दिल्ली के बाहर पहली बार भाजपा की बड़ी बैठक बुलाई गई है। दरअसल इन दिनों दक्षिण भारत में भाजपा का सबसे ज्यादा जोर तेलंगाना पर ही है। पार्टी ने तेलंगाना के लिए मजबूत चुनावी रणनीति बना रखी है। इसका कारण यह है पिछले लोकसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव और ग्रेटर हैदराबाद के नगर निगम चुनाव में भाजपा को अच्छी कामयाबी हासिल हुई थी। ऐसे में पार्टी नेताओं ने दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद तेलंगाना में सबसे ज्यादा जोर लगा रखा है।
हाल ही में पार्टी ने तेलंगाना के पूर्व भाजपा अध्यक्ष और राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भेजने का बड़ा फैसला भी लिया है। के लक्ष्मण को तेलंगाना में भाजपा का कद्दावर नेता माना जाता रहा है और उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
केसीआर और टीआरएस को घेरने की रणनीति
तेलंगाना में भाजपा लगातार मुख्यमंत्री केसीआर उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को घेरने में जुटी हुई है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी हैदराबाद यात्रा के दौरान भाई-भतीजावाद पर हमला करते हुए केसीआर पर निशाना साधा था।
गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी लगातार टीआरएस और केसीआर पर निशाना साधने में जुटे हुए हैं। पार्टी की ओर से टीआरएस नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया जा रहा है।
आगामी विधानसभा चुनावों पर होगी चर्चा
तेलंगाना से पहले भाजपा को इसी साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव लड़ना है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से ठोस रणनीति बनाई जाएगी।
इसके साथ ही हाल में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद पैदा हुए हालात की समीक्षा भी की जा सकती है। इसके अलावा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा किए जाने की संभावना है।