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Statue of Equality: संतश्री रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची मूर्ति देश को समर्पित, PM मोदी ने किया अनावरण
Statue of Equality: आज हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बसंत पंचमी के अवसर पर 11 वीं सदी के महान संत श्री रामानुजाचार्य के 216 फीट ऊंची मूर्ति को देश को समर्पित किया।
Statue of Equality: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टैचू समर्पित किया। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के शमशाबाद में संत रामानुजाचार्य (Sant Ramanujacharya) के 216 फीट ऊंची मूर्ति को देश को समर्पित किया। हैदराबाद के शमशाबाद में स्थित संत श्री रामानुजाचार्य की मूर्ति 'स्टैचू आफ इक्वेलिटी' (Statue of Equality) के नाम से जानी जाएगी।
इस मूर्ति में संत रामानुजाचार्य पद्मासन में बैठे हुए हैं और उन्होंने अपने दोनों हाथ जोड़े रखें हैं। संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची यह मूर्ति पंचलोहा यानी कि पीतल, जस्ता, सोना, चांदी और तांबे के जैसे पांच धातुओं के मिश्रण से बना हुआ है। आपको बता दें यह मूर्ति ऐसे किसी धातु से बनी हुई दुनिया के कुछ सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। कहा जाता है कि इस मूर्ति की परिकल्पना श्री चिन्ना जियर स्वामी ने की थी। चिन्ना जियर स्वामी श्री रामानुजाचार्य के आश्रम में रहते हैं।
मूर्ति की खासियत
रामानुजाचार्य की मूर्ति ऊंचाई में 216 फीट है। इसके अलावा इस मूर्ति में डिजिटल पुस्तकालय प्राचीन भारतीय ग्रंथों का केंद्र, एक बड़ी शैक्षिक गैलरी, अनुसंधान केंद्र और एक थिएटर भी है। इस मूर्ति में 'भद्र वेदी' नामक एक भवन बनाया गया है। जिसकी ऊंचाई 54 फीट है। इस मूर्ति में बड़े शैक्षिक गैलरी के रूप में एक फर्श बनाया गया है, जिसमें श्री रामानुजाचार्य द्वारा किए गए सभी कार्यों का बारीकी से विवरण किया गया है।
बता दें श्री रामानुजाचार्य की मूर्ति 'स्टैचू आफ इक्वेलिटी' उनके 1000वीं जयंती पर राष्ट्र को समर्पित किया गया है। इस मूर्ति के अनावरण हो जाने के बाद देश के लोगों को श्री रामानुजाचार्य से जुड़ी और भी जानकारियां बारीकी से जानने को मिलेगी, साथ ही हैदराबाद के इस क्षेत्र में पर्यटन का भी अच्छा विकास होगा।
पीएम मोदी ने कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री रामानुजाचार्य के इस मूर्ति को समर्पित करते हुए कहा "आज मां सरस्वती की आराधना के पावन पर्व पर मां शारदा के विशेष कृपा अवतार श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा इस अवसर पर स्थापित हो रही है। मैं आप सभी को बसंत पंचमी की विशेष शुभकामनाएं देता हूं। जगतगुरु श्री रामानुजाचार्य की इस भव्य विशाल मूर्ति के जरिए भारत मानवीय ऊर्जा और प्रेरणाओं को मूर्त रूप दे रहा है। रामानुजाचार्य जी की यह प्रतिमा उनके ज्ञान, वैराग्य, आदर्शों की प्रतीक है। मानवता के कल्याण का जो यज्ञ उन्होंने 11वीं शताब्दी में शुरू किया था, वही संकल्प यहां 12 दिनों तक विभिन्न अनुष्ठानों में दोहराया जा रहा है।"