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लखनऊ हाईकोर्ट में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने वाली याचिका पर हुई सुनवाई, जज ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार

Rahul Gandhi Citizenship : कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 21 जून को एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था, राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं। वह ब्रिटिश नागरिक हैं।

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Newstrack Network
Published on: 1 July 2024 4:24 PM IST
लखनऊ हाईकोर्ट
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लखनऊ हाईकोर्ट (कांसेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Rahul Gandhi Citizenship : राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के लिए लखनऊ हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 21 जून को एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था, "राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं। वह ब्रिटिश नागरिक हैं। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) में निहित प्रावधानों के तहत सांसद बनने के योग्य नहीं हैं।" विग्नेश शिशिर के वकील अशोक पांडेय ने बताया, "राहुल गांधी की नागरिकता के संबंध में हमने बैकअप्स लिमिटेड के निदेशक के रूप में उनके आईटीआर को रिकॉर्ड में लाया है। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। अनुच्छेद 102 में निहित प्रावधानों के तहत उन्हें सांसद के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया गया था। अधिनियम की धारा 8 (3) के साथ हमने ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि उन्हें दोषी ठहराया गया है। उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है, जिससे उनके लिए सांसद चुने जाने की अयोग्यता पैदा हो गई है।" मामले की सुनवाई जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने की। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, "आपको कैसे पता चला कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं? आप भाजपा कार्यकर्ता हैं, आपने यह बात याचिका में क्यों नहीं बताई?"

कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बहस हुई

जस्टिस रॉय- याचिकाकर्ता कौन है?

वकील अशोक पांडेय- कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिरा।

जज- क्या करते हैं? जनहित याचिका के बारे में हम इनकी साख के बारे में जान सकते हैं। अच्छा समस्या बताइए क्या है?

वकील- राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। सूरत कोर्ट से दोषी साबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, लेकिन इसका मतलब नहीं है कि वो सांसद बनने के योग्य हैं? जब इन्होंने एक बार विदेशी नागरिकता स्वीकार ली, तो भारतीय नागरिक बनने के योग्य नहीं हैं। गृह मंत्रालय ने भी नागरिकता से संबंधित नोटिस राहुल को साल 2019 में भेजा था। 5 साल बीतने के बाद भी उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।

जज- किसने माना कि राहुल विदेशी हैं?

वकील- कुछ दस्तावेज बताते हैं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। दस्तावेज के आधार पर कहा गया कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं।

जज- आपको यह दस्तावेज कहां से मिले?

वकील- नेट से डाउनलोड किया।

जज- कौन से वेबसाइट से?

इसी बीच याचिकाकर्ता विग्नेश अपने वकील अशोक पांडेय के पास पहुंचे। वकील से कहा कि आप उधर जाकर बैठ जाइए।

जज- ओके मिस्टर पांडेय हमने आपको सुन लिया।

वकील- लार्ड शिप कृपया और सुन लीजिए। हमें कई अन्य चीजें प्रस्तुत करनी हैं।

जज- क्या आपके याचिकाकर्ता ने सक्षम प्राधिकारी से संपर्क किया है?

वकील- नहीं।

जज- फिर

वकील- सर, कृपया हमारी बात सुनिए।

जज- कृपया, कोर्ट को टेक फॉर ग्रांट मत लीजिए। हम आपके साथ धैर्य बरत रहे, लेकिन इसे टेक फॉर ग्रांट मत लीजिए। PIL कर दिया, जबकि नागरिकता का समस्या दो बार खारिज हो चुका है। बताइए, आप याचिकाकर्ता ने कब सक्षम प्राधिकारी से संपर्क किया।

वकील- आप हमें बोलने देंगे?

जज- इतनी देर से आप और क्या कर रहे हो? देखिए कोर्ट डेकोरम को फॉलो करिए।

वकील- ऐसा मैंने क्या कह दिया? इसी बीच याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील देने का प्रयास किया।

जज- कौन बहस करेगा? आप मिस्टर विग्नेश या फिर आपके वकील पांडेय।

याचिकाकर्ता विग्नेश- मैं, बहस करूंगा। इस पर वकील ने कहा नहीं, आप बैठिए, मैं बहस कर रहा। विग्नेश ने कहा- मैं, बेंच से बहस करना चाहता हूं।

जज- वकील पांडेय आपका क्लाइंट बहस करना चाहता है। डिसाइड करें, कौन बहस करेगा? मिस्टर पांडेय आप बैठ जाइए, याचिकाकर्ता को बहस करने दीजिए।

इस पर याचिकाकर्ता के वकील पांडेय बैठ गए, याचिकाकर्ता ने बहस शुरू की।

याचिकाकर्ता- मैं, कर्नाटक भाजपा का कार्यकर्ता हूं।

जज- आपने याचिका में भाजपा कार्यकर्ता होने का जिक्र क्यों नहीं किया? क्या आप सक्षम अथॉरिटी के पास गए थे?

याचिकाकर्ता- हमने चुनाव आयोग से संपर्क किया। जिला निर्वाचन अधिकारी से इस मुद्दे को लेकर संपर्क किया। मैं मानता हूं कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं। कई साक्ष्य इसकी गवाही देते हैं। गृह मंत्रालय ने भी उनको इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर नोटिस भेजा है। कई लोगों ने पहले भी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट के समक्ष वह राहुल को ब्रिटिश नागरिक साबित नहीं कर पाए। मैंने, भारत और विदेश में बहुत काम किया है।

Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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