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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में मंथन हुआ शुरू, राहुल ने निकाला बीजेपी को हराने का तोड़

Maharashtra Assembly Election : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने पर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ मंथन किया। फॉर्मूला निकला कि जैसे कर्नाटक में भाजपा और तेलंगाना में केसीआर की सरकारों के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर जंग जीती उसी पैटर्न पर महाराष्ट्र में चुनाव लड़ेंगे।

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Newstrack Network
Published on: 26 Jun 2024 8:13 PM IST
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राहुल गांधी। (Pic: Social Media)

Maharashtra Assembly Election : लोकसभा चुनाव 2024 में भले ही एनडीए की सरकार बनी हो। लेकिन विपक्ष के नेता बने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी में जबर्दस्त जोश देखने को मिल रहा है। भाजपा को घुटने पर लाकर बहुमत से रोक दिया। जोश की एक और वजह ये है महाराष्ट्र जैसे राज्य में एनडीए को धूल चटा दी। भाजपा के सारे तिकड़म फेल हो गए। भाजपा की साजिशों के आगे फेल हुई शरद पवार, उद्धव ठाकरे की पार्टियों में नई जान आ गई है। यहीं से यह तैयारी शुरू हुई है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में साल की दूसरी पटखनी भाजपा को देनी है। आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनावी रणनीति पर चर्चा करने कांग्रेस के नेता मुंबई से दिल्ली पहुंचे तो राहुल गांधी ने साफ-साफ कह दिया कि सबकी प्राथमिकता भाजपा को हराओ होनी चाहिए। दिल्ली में पहला मंथन हुआ। अगला मंथन 14 जुलाई को मुंबई में रखा गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की है यह रणनीति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने पर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ मंथन किया। फॉर्मूला निकला कि जैसे कर्नाटक में भाजपा और तेलंगाना में केसीआर की सरकारों के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर जंग जीती उसी पैटर्न पर महाराष्ट्र में चुनाव लड़ेंगे। कर्नाटक में 40 प्रतिशत सरकार वाला नारा महाराष्ट्र में बदलकर 70 प्रतिशत वाला हो जाएगा। महाराष्ट्र में हार-जीत नहीं, करिश्मा हुआ। उससे कांग्रेस जितनी खुश है, उतनी हैरान भी है। मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा भी कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव बिलकुल विपरीत परिस्थिति में लड़े। देश अब बदलाव की ओर देख रहा है। महाराष्ट्र ने इसका स्पष्ट संदेश दे दिया है। भाजपा महसूस नहीं कर पाई कि शिवसेना-एनसीपी तोड़ने से हवा नेगेटिव बनी। पॉजिटिव हवा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से बनने लगी। पवार-उद्धव से सहानुभूति जुड़ने से पॉजिटिव हवा लहर बन गई।

इंडिया गठबंधन में जागी उम्मीद की किरण

लोकसभा चुनाव बाद एमवीए के लिए विधानसभा चुनाव बहुत आसान हो गया है। राहुल गांधी के नए अवतार से जितने खुश कांग्रेस के नेता हैं, उतने ही खुश उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी हैं। किसी को उम्मीद नहीं थी कि महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। कांग्रेस ने 13, उद्धव की शिवसेना ने 9 और शरद पवार की एनसीपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस की हालत 10 साल से खराब थी। जबकि शरद पवार, उद्धव ठाकरे के पास तो उनकी पार्टी, संगठन, नाम, निशान तक नहीं बचा था। सांगली से जीते निर्दलीय सांसद विशाल पाटिल भी कांग्रेस के साथ आ चुके हैं। 48 सीटों में से अघाड़ी के कोटे में 31 सीटें आई हैं। एनडीए की तीन पार्टियां 17 पर निपट गईं। शिंदे 7, एनसीपी 1, भाजपा 9 से आगे नहीं बढ़ पायी।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की लाख कोशिशों के बाद भी राहुल गांधी किसान, युवा, नौकरी-रोजगार और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों से टस से मस नहीं हुए। नतीजे बता रहे हैं कि भाजपा ने जिनको किनारा किया उन्हीं मुद्दों ने ही चुनाव पलट दिया। महाराष्ट्र में इन मुद्दों का एक और परीक्षा है। महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा किसानों ने जान दी। मनोज जरांगे पाटिल अनशन करते रह गए लेकिन भाजपा ने मराठा आरक्षण नहीं दिया। इन नुकसान को रोकने के लिए भाजपा कोई रणनीति भी नहीं तैयार कर पाई।

Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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