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NEET UG Paper Leak : जानिए बिहार के उन 4 अधिकारियों के बारे में, जिनकी वजह से नप गए NTA के DG
NEET UG Paper Leak Case : नीट-यूजी पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस के 4 अधिकारियों ने जांच कर चौंकाने वाले खुलासे किए। जिसके बाद केंद्र को एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को पद से हटाना पड़ा था।
UG NEET EXAM PAPER LEAK CASE : नीट-यूजी पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने गुजरात और बिहार से एक-एक मामले में और राजस्थान से तीन मामलों में अपनी एफआईआर दर्ज की हैं। नीट पेपर लीक की जांच में अब तक देश के 4 राज्यों से 25 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें बिहार से 13, झारखंड से 5, गुजरात से 5 और महाराष्ट्र से 2 शामिल हैं। महाराष्ट्र में 23 जून को नांदेड़ एटीएस ने लातूर के संजय तुकाराम जाधव व जलील खान उर्फ उमर खान पठान के खिलाफ नांदेड़ के इरन्ना मशनाजी कोंगलवाव और दिल्ली के गंगाधर के खिलाफ पब्लिक एग्जाम एक्ट 2024 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने जाधव और पठान को रविवार देर रात गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य दो आरोपी फरार हैं। इस मामले की जांच केंद्र सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंपी है। सीबीआई की टीमें सोमवार 24 जून को बिहार और गुजरात पहुंची है। बिहार आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने अपनी जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी है। पटना में पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए EOU की 6 टीमें अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है।
बिहार आर्थिक अपराध शाखा ने जांच बढ़ाई आगे
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में 11 मई को बिहार आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने शुरुआती जांच और तथ्यों के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की थी। शुरुआत में परीक्षा कराने वाली एनटीए ने पेपर लीक के आरोप को मानने से इनकार कर दिया था। सरकार भी इस मामले को अलग तरह से पेश कर रही थी। सबकुछ अच्छा बताया जा रहा था। मामला पेचीदा था, लेकिन सवाल छात्रों के भविष्य का था। ऐसे में बिहार पुलिस के 4 अधिकारियों ने जब जांच आगे बढ़ाई तो परत-दर परत चौंकाने वाले खुलासे होते गए। नीट पेपर लीक मामले में ईओयू की जांच जैसे-जैसे बढ़ती गई, वैसे-वैसे इस मामले में एनटीए की किरकिरी भी बढ़ती गई। आखिर में परीक्षा एजेंसी बैकफुट पर आ गई, जिसके बाद केंद्र को एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को पद से हटाना पड़ा और जांच के लिए पूरे मामले को सीबीआई के पास भेजना पड़ा। कहा जा रहा है कि अगर बिहार पुलिस के अधिकारी एनटीए की बात मानकर जांच नहीं करते तो यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता।
यहां जानें ईओयू पेपर लीक के तह तक कैसे गई
नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने परीक्षा के दिन ही 3 गिरफ्तारी की थी। इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने इसकी जांच शुरू की। जांच के दौरान ईओयू ने एनटीए से इसके पेपर मांगे, लेकिन एनटीए की ओर से जांच एजेंसी को पेपर उपलब्ध नहीं कराए गए। मामले में नया मोड़ नीट के रिजल्ट के बाद आया। देश में जब इस पर विवाद बढ़ रहा था, तब ईओयू पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटा था। पेपर लीक मामले में ईओयू को जांच के दौरान अब तक जले हुए पेपर, सॉल्वर गैंग के पास से पोस्ट डेटेट चेक बरामद हुए। ईओयू उस ठिकाने को भी खोज निकालने में कामयाब हुई, जहां पर लीक पेपर को सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों को रटाया था।
यहां जानें बिहार के उन 4 अधिकारियों की कहानी
नैयर हसनैन खान को राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी नैयर हसनैन खान वर्तमान में बिहार आर्थिक अपराध शाखा में एडीजी हैं। नीट मामले में बिहार से जो भी जांच हुई है, उसकी रिपोर्ट खान ने ही केंद्र को सौंपी है। हसनैन बीपीएसपी पेपर लीक मामले की जांच में भी बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। उस वक्त आर्थिक अपराध शाखा की रिपोर्ट पर ही बीपीएससी को शिक्षक बहाली परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। खान ईओयू में आने के बाद पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने विभाग के ही दो इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को निलंबित कर दिया था। दोनों अधिकारियों पर गोपनीयता भंग करने का आरोप था। बता दें कि हसनैन खान ईओयू के अलावा विजिलेंस जैसे बड़े विभागों की कमान संभाल चुके हैं। खान इसके अलावा पटना और मुजफ्फरपुर के आईजी भी रह चुके हैं। 2022 में खान को उत्कृष्ट कामों के लिए राष्ट्रपति मेडल भी मिला था।
मानवजीत सिंह ढिल्लो कर रहे थे जांच की मॉनिटरिंग
बिहार आर्थिक अपराध शाखा की तरफ से नीट मामले की जांच और उसकी प्रतिदिन रिपोर्ट की मॉनिटरिंग मानवजीत सिंह ढिल्लो ही कर रहे थे. ढिल्लो वर्तमान में ईओयू में डीआईजी के पद पर तैनात हैं। शुरुआत में ढिल्लो ही मीडिया को पेपर लीक से जुड़ी जानकारी दे रहे थे। उन्होंने ही बताया था कि इस मामले में जांच के दौरान ईओयू को पोस्ट डेटेड चेक मिले हैं, जिससे सॉल्वर गैंग और अभ्यर्थियों के बीच लेन-देन की आशंका है। मूल रूप से पंजाब के रहने वाले ढिल्लो 2009 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वे पटना और वैशाली जैसे बड़े जिलों के पुलिस कप्तान रह चुके हैं। पटना के पुलिस कप्तान रहते वक्त उन्होंने एक आंतकी मॉड्यूल का खुलासा किया था, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था।
मदन कुमार आनंद थे एसआईटी के हेड
नीट पेपर लीक मामला सामने आने के बाद ईओयू ने इसकी जांच के लिए मदन कुमार आनंद के नेतृत्व में 8 सदस्यों की एक एसआईटी गठित की थी। यही एसआईटी पूरे सॉल्वर गैंग के नेक्सस तक पहुंची और मामले का शुरुआती खुलासा किया। ईओयू की एसआईटी ने ही पेपर लीक से जुड़े जले हुए प्रश्न पत्र आदि बरामद किए, जिसे बाद में शिक्षा मंत्रालय को सौंपा गया था। इसी के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। आनंद वर्तमान में ईओयू में एसपी (प्रशासन) पद पर तैनात हैं।
अमर कुमार ने दर्ज की थी पहली एफआईआर
बिहार पुलिस के अधिकारी अमर कुमार का इसी साल फरवरी के महीने में शास्त्रीनगर थाने में बतौर थानाध्यक्ष के रूप में उनकी तैनाती हुई थी। नीट पेपर लीक मामले में शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष अमर कुमार के ही आवेदन पर पहली बार एफआईआर दर्ज की गई थी। अमर ने अपने इस एफआईआर में 9 नामित और अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। इतना ही नहीं, सिकंदर यादवेंदु को भी अमर की टीम ने ही गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ईओयू को पेपर लीक नेक्सस के बारे में ज्यादा जानकारी मिल पाई।