𝐆𝐮𝐥𝐦𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐄𝐜𝐨 𝐕𝐢𝐥𝐥𝐚𝐠𝐞 𝐑𝐞𝐬𝐨𝐫𝐭: गुलमोहर बना बुंदेलखंड का पहला इको विलेज

Bundelkhand 𝐆𝐮𝐥𝐦𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐄𝐜𝐨 𝐕𝐢𝐥𝐥𝐚𝐠𝐞 𝐑𝐞𝐬𝐨𝐫𝐭: बुंदेलखंड में पहला इको विलेज आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे बनाने में 2 करोड रुपए खर्च हुए हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 19 July 2024 10:27 AM GMT
Bundelkhand First Eco Village Gulmohar
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Bundelkhand First Eco Village Gulmohar (Photos - Social Media)

Bundelkhand 𝐆𝐮𝐥𝐦𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐄𝐜𝐨 𝐕𝐢𝐥𝐥𝐚𝐠𝐞 𝐑𝐞𝐬𝐨𝐫𝐭: भारत के मानचित्र में विशिष्ट पहचान लिए हुए बुंदेलखंड जहां आल्हा उदल, रानी लक्ष्मी बाई की वीर गाथाएं आज भी गूंजती है। बुंदेलखंड मध्य भारत का एक प्राचीन क्षेत्र है। जिसका विस्तार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में है। कभी कभी कुछ ऐसी चीज हो जाती है जिनकी कल्पना कोई नहीं करता। लेकिन जब इस तरह की चीज सामने आती है तो लोग हैरान रह जाते हैं। ऐसी ही चीज इन दोनों बुंदेलखंड में देखने को मिल रही है। यहां का पहला इको विलेज गुलमोहर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

किसने तैयार किया पहला इको विलेज

बुंदेलखंड का पहला इको विलेज आर्किटेक्ट दीपक गुप्ता ने तैयार किया है। यहां पर स्विमिंग पूल ओपन थिएटर हवा महल जैसे आकर्षण के केंद्र मौजूद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही यहां का भ्रमण करेंगे।


जापानी तकनीक का किया गया है इस्तेमाल

इस विलेज को बनाने में जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह गांव तहसील नरैनी में मध्य प्रदेश की सीमा पर केन नदी के पास जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है।

शहरी सुख सुविधा युक्त होटल

इस स्थान पर रुकने की जगह की बात करें तो यहां पर झरने, स्विमिंग पूल, ओपन थिएटर के साथ आप स्थानीय व्यंजनों का लुक उठा सकते हैं। रुकने वाले पर्यटकों के लिए लोक नृत्य और ग्रामीण परिवेश में शहरी सुख सुविधा युक्त होटल का निर्माण भी यहां पर किया गयाहै।


ग्रामीण परिवेश की सुविधा

अभी तक यह जगह काफी पिछड़े हुई थी लेकिन शहर से आने वाले सैलानियों और विदेशी सैलानियों को यहां पर रुकने की बेहतरीन जगह दी जा सके इसके लिए बहुत बेहतरीन तरीके से तैयार किया गया है। आप यहां पर बैलगाड़ी में सफर का आनंद ले सकते हैं और राजस्थानी शाम का लुत्फ उठा सकते हैं।

यहां है बुंदेलखंड का पहला इको विलेज

पहाड़ों झरनों से गिरी के नदी के किनारे उत्तर प्रदेश का पहला और इको विलेज बनाया गया है जिसका नाम गुलमोहर है। यह यूपी के बांदा जिले में मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर नहरी गांव के मजरा उदयीपुरवा में बना हुआ है। यहां पर एक शानदार थिएटर भी है।

इको विलेज बनाने में इतने हुए खर्च

इस एक बेलो इस में स्विमिंग पूल का आनंद लिया जासकता है। यहां पर जंगल और ब्रिज भी बने हुए हैं। जंगल में घूमने के लिए अलग-अलगस्ट्रीट है। कमरे की खिड़कियों से जंगल नजरआता है। इसे बनाने में लगभग 2 करोड रुपएखर्च हुए हैं।


सरकार कर रही इस इको विलेज की मॉनिटरिंग

इस इको विलेज की मॉनिटरिंग खुद सरकार कर रहीहै। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एडीएम अभिलाष यादव एसपी अंकुर अग्रवाल का विशेष सहयोग इसमें है। इको विलेज के रूप में इसका चयन किया गया है और यहां गांव के लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। धीरे-धीरे पूरे गांव की तस्वीर बदल रही है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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