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दयाशंकर से मायावती तक, अभद्र भाषा विवाद में ऐसी हुई बयानबाजी

Rishi
Published on: 24 July 2016 1:37 AM IST
दयाशंकर से मायावती तक, अभद्र भाषा विवाद में ऐसी हुई बयानबाजी
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लखनऊः अभद्र भाषा बोलने के मामले में बयानों की झड़ी लगी रही। इन बयानों से यूपी की राजनीति गरमाती रही और अब ये बीएसपी बनाम बीजेपी की सीधी जंग में तब्दील हो गई है। ऐसे में गौर करने वाली बात ये है कि दयाशंकर सिंह की जुबान से निकली अभद्र भाषा से लेकर अब तक बयानबाजी के इस दौर में क्या-क्या हुआ।

दयाशंकर का बयानः "किसी से एक करोड़ रुपए में टिकट तय हो गया और कोई दूसरा 2 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हो जाता है तो फिर एक करोड़ वाले को धोखा दे दिया जाता है। इस तरह तो एक $@*& भी अपनी जुबान से नहीं पलटती है। मायावती की बात की कीमत एक $@*& की बात की कीमत से भी बदतर है।"

मायावती का राज्यसभा में बयानः "उसने मेरे बारे में नहीं कहा है। उसने अपनी बहन के बारे में कहा है। अपनी बेटी के बारे में कहा है।"

दयाशंकर का बयानः "अगर मायावती चाहती हैं तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। अगर मेरी बात से कोई आहत है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं। आरके चौधरी और स्वामी प्रसाद मौर्या ने आरोप लगाया था कि मायावती पैसा लेकर टिकट देती हैं और टिकट काट भी देती हैं, तो ये उनके चरित्र में है और मैंने कहा था कि ये चरित्र संकट है।"

बीएसपी के धरने में नारेः "दयाशंकर की बहन को पेश करो-पेश करो, दयाशंकर की बेटी को पेश करो-पेश करो।"

दयाशंकर की पत्नी स्वाति का बयानः "मायावती जी खुद महिला हैं और उनकी पार्टी के धरने में मेरी बेटी और ननद के बारे में अपशब्द बोले गए। मायावती जी बता दें कि मुझे अपनी बेटी को कहां पेश करना है। क्या महिला और दलित नेता होने पर मायावती जी की इज्जत है और मेरी बेटी, सास और ननद की कोई इज्जत नहीं है।"

नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बयानः "दयाशंकर की बेटी को पेश करो का नारा लगाने का मतलब गाली देना नहीं है।"

मायावती का बयानः "मुझे कमजोर लोग देवी की तरह मानते हैं। मैंने अपने कार्यकर्ताओं से बात की तो उन्होंने कहा कि हम तो दयाशंकर के परिवार को सबक सिखाना चाहते थे। इसी वजह से इस तरह के नारे लगाए। बीएसपी में वैसे किसी को भी किसी पुरुष या महिला की बेइज्जती करने का हक नहीं दिया गया है।"

खागा से बीजेपी विधायक कृष्णा पासवान का बयानः "नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी बीजेपी के सामने अपनी बहन और बेटी पेश करें।"

मायावती का बयानः "मैंने खुद कभी किसी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। ऐसा लगता है कि बीएसपी के धरने में कुछ असामाजिक तत्व आ गए थे, जिन्होंने अभद्र नारे लगवा दिए।"



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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