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यहां 3 गांवों के लोग करते हैं काली पूजा,इसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों होते हैं शामिल
गुवाहाटी: असम के नलबारी जिले में तीन गांवों को मिलाने वाली सड़क का नाम मिलन चौक या एकता का केंद्र रखा गया था। गुवाहाटी से करीब 75 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में इन तीनों गांवों- संधेली, पोकुआ और पनिगांव में लगभग 10,000 लोग रहते हैं और इनमें से आधे लोग हिंदू और आधे लोग मुसलमान हैं। जब इन तीन गांवों के लोगों ने 2015 में एक साथ काली पूजा का आयोजन करने का निर्णय लिया, तो उन्होंने महसूस किया कि उनके पूर्वजों ने सड़क का यह नाम क्यों चुना था।
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मिलन चौक कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहिम अली के अनुसार उनके पूर्वज यह चाहते थे कि सांप्रदायिक अशांति कभी इन तीन गांवों को छू भी ना पाए और मिलन चौक में होने वाली नियमित बैठकों ने मुश्किल समय में भी सद्भाव बनाए रखने में हमारी मदद की है।'
मीटिंग्स के दौरान, ग्रामीणों ने एक-दूसरे के त्योहारों को अच्छी तरह मनाने के लिए मदद करने का फैसला किया, लेकिन 2015 में यह पहली बार था कि उन्होंने बड़े पैमाने पर काली पूजा का आयोजन किया। अली ने कहा 'यह तीसरी बार है कि हम ‘श्यामा पूजा’ का आयोजन कर रहे हैं। हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि सारे अनुष्ठान परंपरा के अनुसार हो रहे हैं या नहीं, श्यामा काली का ही एक और नाम है।
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समिति ईद और बिहू पर्व दोनों धर्मों के लोग साथ मनाते हैं। संयुक्त रूप से आयोजित होने वाले त्योहारों से तीनों गांवों के लोगों को आपस में जुड़ने का अवसर मिलता है।