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मां लक्ष्मी ने पहली यहां बार बांधी थी राखी, केवल रक्षाबंधन के दिन खुलता है ये मंदिर
चमोली: उत्तराखंड के चमोली में एक ऐसा मंदिर है। जहां साल में सिर्फ एक बार रक्षाबंधन के दिन ही कपाट खुलते हैं। इस मंदिर को भगवान बंशीनारायण के मंदिर के नाम से जानते हैं। इस मंदिर में सालभर में केवल एक दिन ही पूजा होती है। यह मंदिर समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर है।
भगवान को बांधती है राखी
रक्षाबंधन पर आसपास के इलाकों में रहने वाली महिलाएं भगवान बंशीनारायण को राखी बांधती हैं। इसके बाद ही भाइयों को राखी बांधी जाती है। और सूर्यास्त के बाद मंदिर के कपाट एक साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस मंदिर में भगवान की चतुर्भुज मूर्ति है।
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राजा बलि को लक्ष्मीजी ने पहले बांधी थी राखी
कहा जाता है कि वामन अवतार धारण कर भगवान विष्णु ने दानवीर राजा बलि का अभिमान चूर कर उसे पाताल लोक भेजा था। बलि ने भगवान से अपनी सुरक्षा का आग्रह किया। इस पर श्रीहरि विष्णु स्वयं पाताल लोक में बलि के द्वारपाल बन गए।
उस समय भगवान को मुक्त कराने के मां लक्ष्मी पाताल लोक पहुंची और राजा बलि को रक्षासूत्र वचन लिया और भगवान विष्णु को मुक्त कराया। मान्यता है कि उसके बाद वहां से या पाताल लोक से भगवान विष्णु यहीं आए थे, तभी से भगवान को राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है।