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लाइलाज रोग का है इसमें इलाज, एक बार जरुर करें इस फूल का इस्तेमाल
लखनऊ: गुड़हल का फूल देवी मां को बहुत प्रिय है। इसे हिंदू धर्मग्रंथों में बहुत में ही पवित्र माना गया है। आयुर्वेद में भी गुड़हल के पेड़ को एक औषधि मानते हैं। इसकी जड़ से लेकर फूल तक हर चीज का किसी न किसी रोग काम आता है चाहे वो शरीर में खून की कमी हो, बालों की झड़ने की समस्या हो, बालों की सफेदी हो, भूलने की आदत हो, चेहरे के मुंहासे हो, या मुंह के मुंहासे हो, गुड़हल सब रोगों के इलाज में फायदेमंद है। गुडहल एक बहुत ही सुन्दर फूल है| इसका वनस्पतिक नाम हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस है| गुडहल के फूल कई अलग-अलग रंगों में पाये जाते हैं जैसे, लाल, सफेद, गुलाबी, पीला और बैगनी आदि। क्या आप जानते है यह सुंदर सा गुडहल का फूल स्वास्थ्य के खजाने से भरा हुआ है। इसका इस्तेमाल औषधियो में किया जाता है।
गुड़हल से कॉलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और गले के संक्रमण जैसे कई रोगों का इलाज किया जाता है। गुडहल का फूल काफी पौष्टिक होता है जो विटामिन सी, कैल्शियम, मिनरल,एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और आयरन का अच्छा स्त्रोत होता है। गुड़हल के ताजे फूलों को पीसकर नरियल के तेल में मिलाकर लगाने से बालों का रंग सुंदर हो जाता है। इसके अतरिक्त चेहरे के मुहांसे ठीक करने में भी यह फायदेमंद है। कई प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में गुड़हल के फूल का उपयोग किया जाता है।
वैसे तो गुड़हल हर से उपयोगी है पर उसकी चाय की बात ही निराली है..
सूखे हुए गुड़हल के फूल, में एक कप दालचीनी, एक टुकड़ा,अदरक ताजा और बिना छिलका उतारे धोकर छोटे-छोटे गोल टुकड़ों में काटा हुआ, ½ इंच शहद/खजूर का गुड़ स्वादानुसार ले लें। फिर 4 कप पानी उबालें। उसमें गुड़हल के फूल, दालचीनी का टुकड़ा और अदरक के टुकड़े मिलाएं। फिर 5 मिनट तक उबालें। बर्तन को चूल्हे से उतार कर ढक दें। 15-20 मिनट तक छोड़ दें (फूलों को ज्यादा समय तक पानी में छोड़ने पर स्वाद में कड़वाहट आ सकती है। दालचीनी और अदरक के टुकड़ों को अच्छे से निचोड़ लीजिये और पानी छान लीजिए।| स्वाद के लिए शहद या खजूर का गुड़ मिलाएं। गर्म या ठंडा परोसें। तैयार है स्वाद और सेहतमंद भरी गुड़हल चाय।ये तो हुई चाय की बात अब हम आपको बता रहे है कि कैसे बहुत सी बीमारियों में भी गुड़हल फायदेमंद है....
कैंसर से राहत
गुड़हल की चाय का रोजाना सेवन करके आप कैंसर से बच सकते है। और यदि आपको कैंसर हो चुका है तो भी यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को भी धीमा कर देती है।
स्मरण शक्ति बढ़ाएं
गुड़हल के पत्ते या इसके फूलों को सुखाकर पीस लें। अब इसके एक चम्मच पाउडर में एक चम्मच मिर्श्री को मिलाकर पानी के साथ लेने से स्मरण शक्ति तथा स्नायुविक शक्ति बढ़ती है।
त्वचा की देखभाल करे
एंटीऑक्सीडेंट, आयरन और विटामिन सी से भरपूर गुड़हल की पत्तियां चेहरे के मुंहासे, झुर्रियां, और बढ़ती उम्र में चेहरे पर होने वाली कई परेशानियों को दूर करती है।
किडनी और पथरी की समस्या
गुड़हल के पत्तों से बनी चाय विदेशो में हर्बल टी के रूप में इस्तेमाल की जाती है। किडनी के रोगियों के लिए गुड़हल की चाय लाभकारी होती है| इससे किडनी की पथरी भी दूर होती है।
बालों की देखभाल
क्या आप बालों के टूटने, डैंड्रफ, सफ़ेद बाल की समस्या से परेशान है तो जान ले इससे आपके बाल घने, लम्बे, काले और मुलायम भी होने लग जाएंगे।गुड़हल की पत्तियों को पीसकर नारियल के तेल में कुछ देर के लिए उबाल ले। ठंडा होने पर इसके तेल की सर में मालिश करने से बाल चमकदार और मजबूत होने लगेंगे और डैंड्रफ की समस्या से भी राहत मिलने लगेगी। गुड़हल की पत्तियों को प्राचीन पत्थर की मदद से पीसकर इसमें जैतून का तेल मिलाले। अब इस पेस्ट को सर में 10 से 15 मिनट लगाये रखे और कुछ देर बाद गरम पानी से बालों को धोलें। ऐसा करने से बाल बाउंसी और घने दिखने लगेंगे।