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महालया के साथ नवरात्रि की शुरुआत, जानिए पूर्वजों की विदाई के आखिरी दिन क्या करें?
जयपुर: महालया की शुरूआत अश्विन महीने की अमावस्या पर होती है। महालया के साथ ही दुर्गा पूजा और फिर नवरात्रि का आरंभ होता है। नवरात्रि इस साल 21 सितंबर से शुरू होकर 29 सितंबर तक चलेंगी। महालया दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है, पर्व बंगाली लोगों द्वारा मनाया जाता है। महालया के दिन लोग पूर्वजों को श्रद्धाजंलि देते हैं। पितृ-विसर्जन की मान्यता है कि पितृपक्ष में पितृ धरा पर उतरते हैं.पितृविसर्जन यानि श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को पितृ विदा हो जाते हैं। अकाल मृत्यु से ग्रसित व्यक्तियों का श्राद्ध भी इसी दिन होता है।
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पूजा समय
पूर्वजों के देहत्याग की तिथि पता न होने या किसी कारण से श्राद्ध न हो पाने पर पितृविसर्जन के दिन श्राद्ध का प्राचीन ग्रंथों में जिक्र है। इस साल पितृविसर्जन के समयानुसार 19 सितम्बर, 2017 को दोपहर 11 बजकर 52 मिनट के बाद घटित हो रही है। जो 20 सितम्बर, 2017 को सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। अमावस्या में सूर्योदय 20 सितम्बर को (वाराणसी में 5.46, पटना, रांची में 5 बजकर 37 मिनट, लखनऊ में 5.55,दिल्ली में 6 बजकर 9 मिनट, और मुंबई में 6 बजकर 27 मिनट पर) होगा। पितृविसर्जन 20 सितम्बर को मनाया जाएगा, और इसकी मान्यता पूरे दिन रहेगी।
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