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हाथों में पहनते हैं मेटल या मल्टी-मेटल के कड़े तो ध्यान दिया कभी इन बातों पर
जयपुर:आजकल मार्केट में ‘मल्टी-मेटल’या कहें कि ‘कई धातुओं से बने’ कड़े ट्रेंड में हैं और लगभग हर व्यक्ति इसे पहने घूम रहा है। भले यह फैशन के नाम पर पहना जा रहा हो लेकिन प्राचीन समय से ही ‘हाथ में कड़ा पहनने’ का अपना एक अलग ही धार्मिक महत्व रहा है।हाथ में कड़ा पहनने का चलन बहुत पहले से है। सिख धर्म में कड़े को धारण करना आवश्यक है। अधिकांश व्यक्ति चांदी, सोना, लोहा या अष्टधातु का कड़ा पहनते है। दरअसल कड़ा सिर्फ फैशन के लिए नहीं है। रत्न-धातुओं के विद्वान मानते हैं कि अगर थोड़ी जानकारी के साथ कड़े पहनें तो इसके कई फायदे भी हैं। पारद एक जीवंत धातु है और पारद धातु का कड़ा हाथ में धारण करने से कई तरह की बीमारियों/परेशानियो से रक्षा होती है। जो व्यक्ति मौसम संबंधी बीमारियों के शिकार जल्दी होते हैं। जिससे शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए हाथ में पारद धातु कड़ा पहनने से लाभ होते है।
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*तांबे का बना कड़ा रक्त की विषाक्तता को कम कर इसे शुद्ध करने का काम करता है। अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो आपको शनिवार के दिन अष्टधातु के बने कड़े को हनुमानजी के चरणों में रखकर सिंदूर से उसकी पूजा करनी चाहिए और फिर उसे धारण करना चाहिए।
*हर धातु किसी न किसी ग्रह से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि पीतल का कड़ा पहनने से गुरु ग्रह, तांबे से मंगल और चांदी से चंद्रमा जुड़ा है। इसलिये अगर इनमें से आपका कोई भी ग्रह कमजोर हो तो आप ज्योतिषीय सलाह लेकर इन तीन में किसी भी एक धातु का बना कड़ा धारण कर सकते हैं।
*जिन व्यक्तिओं पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव जल्दी होते है उन्हे भी पारद धातु कड़ा पहनने से लाभ होते है। क्योंकि पारद धातु को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है।
*जिन व्यक्तिओं के कमर, हाथ-पैरों, पेट में दर्द रहता है, वे हाथ में पारद धातु कड़ा धारण करें, क्योंकि पारद धातु मे स्पंदन होता है जो खून का सर्कुलेशन नियंत्रण रखता है।
*पारद धातु का शरीर पर स्पर्श व्यक्ति में जलन, निंदा, मोह, अहंकार, हिंसा विक्षिप्तता आदि अनेक आंतरिक दोषों को कम करके मानसिक पीड़ा भी दूर करती है। व्यक्ति मे आलस्य भी दूर होता है।
*पीतल और तांबे के मिश्रण से बना कड़ा पहनने पर नकारात्मक शक्तियों या भूत-प्रेत से रक्षा होती है। ऐसी मान्यता है कि कड़ा पहनकर कोई भी अपवित्र काम नहीं करना चाहिए वर्ना इसका प्रभाव खत्म हो जाता है। आपको लेदर,प्लास्टिक,स्टील या लोहे से बना कड़ा भी धारण नहीं करना चाहिए।
*ब्रेसलेट फैशन का एक अहम हिस्सा बन गया है और यह कई तरह के डिजाइन और धातुओं में भी उपलब्ध है। कलाई पर बंधे रखने के कारण ब्रेसलेट हमारे हाथ की नाड़ी से भी जुड़ी होता है। इसलिये आपको वही ब्रेसलेट पहनना चाहिए जो बिल्कुल आरामदायक हो और धातु में उसी का चुनाव करें जो आपको सूट करता हो, वर्ना यह आपकी त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकता है।