अगर चाहते हैं तरक्की तो मकान के इस कोण को ना करें नजरअंदाज

Admin
Published on: 19 Feb 2016 9:03 AM GMT
अगर चाहते हैं तरक्की तो मकान के इस कोण को ना करें नजरअंदाज
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सहारनपुर: हमेशा ही दिशाओं का निर्धारण सूर्योदय की दिशा से किया जाता है। सूर्य पूर्व दिशा में उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है। दिशाओं का मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इन दिशाओं के माध्यम से हम सही और गलत में भी फर्क करते है।खासतौर पर जब मकान का निर्माण होता है। तो इसे ज्यादातर लोग ध्यान में रखकर बनवाते है। वास्तु के लिए दिशा का ज्ञान जरुरी होता है। पं. सागरजी महाराज के अनुसार जानते है कि मकान के लिए कौन सी दिशा क्या कहती है और इन दिशाओं में कौन सा काम करना चाहिए।

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पूर्व: ये पितृ दिशा है। अगर मकान का पूर्वी भाग ढक दिया जाए तो मकान ऊर्जा मुक्त हो जाता है। ये अग्नि तत्व का प्रतीक है। इसके अधिपति इंद्रदेव हैं। यह दिशा पुरुषों के शयन तथा अध्ययन आदि के लिए भी श्रेष्ठ है।

आग्नेय कोण: दक्षिणी-पूर्वी कोण में नालियों की व्यवस्था करने से भू-स्वामी को अनेक कष्टों को झेलना पड़ता है। गृह स्वामी की धन-सम्पत्ति का नाश होता है और उसे मृत्यु भय बना रहता है। ये कोण स्वास्थ प्रदाता है,यहां अग्नि संबंधी कार्य ही करना शुभ होता है।

दक्षिण दिशा: ये दिशा सुख-समृद्धि की प्रतीक है, इस कोण में संतान सुख भी मिल सकता है।

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

नैऋत्य कोण: यहां जल-प्रवाह की नालियां भू-स्वामी पर अशुभ प्रभाव डालती हैं। इस कोण में जल-प्रवाह नालियों का निर्माण करने से भू-स्वामी पर अनेक विपत्तियां आती हैं। इस दिशा में मकान व्यवहार, मनोभावना, अकालमृत्यु के लिए उत्तरदाई है, लेकिन गृहस्वामी को लाभ देता है।

पश्चिम दिशा: अगर इस दिशा में मकान है तो प्रतिष्ठा बढ़ती है। नौकरी करने में सहायता मिलता है।गोदाम, पशुओं के लिए भी लाभकारी होती है। ये वायु तत्व की प्रतीक है। इसके अधिपति देव वरूण हैं। ये दिशा पुरुषों के लिए बहुत ही अशुभ और अनिष्टकारी होती है। इस दिशा में पुरुषों को वास नहीं करना चाहिए।

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

वायव्य कोण: इस कोण में शादीयोग जातक, विदेश यात्रा, नई नौकरी मिलना और मेहमान आदि के लिए शुभ होता है।

उत्तर दिशा: इस क्षेत्र यानी वायव्य कोण वायु तत्व प्रधान है। इसके अधिपति वायुदेव हैं। स्थाई तौर पर निवास करने वालों के लिए उपयुक्त स्थान हैं। मातृ धन मिलता है और शांत भी प्रदान करता है। ये स्थान साफ रखने पर मकान शुभ हो जाता है

ईशान कोण: ये कोण पुरुष वंश की निरंतरता को सुनिश्चित करता है। मकान के इस दिशा के कटा होने से तरक्की और संपन्नता रूकती है। संतान की हानि होती है। बीमारी को दावत देते रहेंगे । साथ ही हमेशा भय भी बना रहता है।

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