बैकुंठ का मार्ग दिखाते हैं ये चार धाम, इन देवभूमि का दर्शन जीवन में जरूर करें एकबार

suman
Published on: 15 May 2017 6:24 AM GMT
बैकुंठ का मार्ग दिखाते हैं ये चार धाम, इन देवभूमि का दर्शन जीवन में जरूर करें एकबार
X

बद्रीनाथ: चार धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है।उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की चार धाम, कहते हैं कि जो श्रद्धालु इन चारों धामों का दर्शन करने में सफल हो जाते हैं वे जन्म-मरण चक्कर से मुक्‍त हो जाते हैं। यमुनोत्री मंदिर के पास गर्म पानी के कई स्रोत हैं। इनमें सूर्य कुंड के बारे में कहा जाता है कि अपनी बेटी को आशीर्वाद देने के लिए भगवान सूर्य ने गर्म जलधारा का रूप धारण किया था। गंगोत्री मंदिर के पास भागीरथ शिला है। कहा जाता है कि राजा भागीरथ ने इसी शिला पर बैठकर गंगा को पृथ्‍वी पर लाने के लिए कठोर तपस्‍या की थी।

आगे...

ऐसे किया था भगवान शिव ने पाप मुक्त

बद्रीनाथ धाम अलकनंदा नदी के किनारे हैं। भगवान विष्‍णु पृथ्वी पर निवास करने आए तो उन्‍होंने बद्रीनाथ में अपना पहला कदम रखा। इस जगह पर पहले भगवान शिव का वास था, लेकिन उन्‍होंने नारायण के लिए इस स्‍थान का त्‍याग कर दिया और केदारनाथ में निवास करने लगे। भगवान विष्‍णु इस स्‍थान पर ध्‍यानमग्‍न रहते हैं।

केदारनाथ धाम में स्वयंभू शिवलिंग अति प्राचीन है। केदारनाथ मंदिर की आयु के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। महाभारत युद्ध में विजयी होने पर पांडव भ्रातृहत्या के पाप से मुक्ति के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते थे। भगवान शिव पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे, लेकिन पांडव उन्हें खोजते हुए केदार तक आ पहुंचे। भगवान शिव ने बैल का रूप धारण कर लिया और अन्य पशुओं में जा मिले। पांडवों को संदेह हो गया तो भीम ने विशाल रूप धारण कर दो पहाड़ों पर पैर फैला दिए। गाय-बैल तो निकल गए पर भगवान शिव पैर के नीचे से जाने को तैयार नहीं हुए। भीम ने बैल की पीठ का भाग पकड़ लिया। भगवान शिव, पांडवों की भक्ति देख प्रसन्न हो गए। उन्होंने दर्शन देकर पांडवों को पाप से मुक्त कर दिया।

suman

suman

Next Story