×

कब करते हैं विश्वकर्मा की पूजा, इस दिन क्यों रहते हैं कल-कारखाने बंद?

suman
Published on: 11 Sep 2017 2:27 AM GMT
कब करते हैं विश्वकर्मा की पूजा, इस दिन क्यों रहते हैं कल-कारखाने बंद?
X

जयपुर:हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को सृजन का देवता माना जाता है। ऋग्वेद के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को ही देव शिल्पी के नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि सभी पौराणिक संरचनाएं भगवान विश्वकर्मा के द्वारा ही की गई थी।पौराणिक युग के सभी अस्त्र-शस्त्र भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाए थे। वज्र का निर्माण भी उन्होंने ही किया था। मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था। विश्वकर्मा हस्तशिल्पी कलाकार थे। हर साल विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं। इस साल विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2017 को रविवार के दिन मनाई जाएगी।

यह भी पढ़ें...11 सितंबर: वृष राशिवालों को मिलेगा आराम, जानिए बाकी राशियों का हाल

इस तिथि को हर साल विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से विभिन्न राज्यों में, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकान, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर में होती है। इस मौके पर मशीनों, औजारों की सफाई एवं रंगरोगन किया जाता है। इस दिन ज्यादातर कल-कारखाने बंद रहते हैं और लोग हर्षोल्लास के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।

माना जाता है कि विश्वकर्मा ने ही लंका का निर्माण किया था। एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए एक महल का निर्माण के लिए भगवान विश्वकर्मा को कहा तभी विश्वकर्मा जी ने इस महल को बना दिया। इस महल के गृह प्रवेश के दौरान भगवान शिव ने रावण को बुलाया। रावण महल देखकर मंत्रमुग्ध हो गया।

यह भी पढ़ें...13 सितंबर को है जीवित्पुत्रिका व्रत, माताएं करेंगी पुत्र के लंबी उम्र की कामना

फिर जब शिव ने रावण को दक्षिणा में कुछ लेने कहा, तब उसने महल ही मांग लिया। जिसके बाद भगवान शिव ने महल दे दिया और वापस पर्वत पर चले गए। महाभारत में पांडव जहां रहते थे उस जगह को इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, इसे भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। कौरव के हस्तिनापुर और भगवान कृष्ण की द्वारका का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था।

suman

suman

Next Story