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इस दिन से शुरू हो रहा चतुर्मास, मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये काम

suman
Published on: 21 July 2018 9:52 AM IST
इस दिन से शुरू हो रहा चतुर्मास, मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये काम
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जयपुर: देवशयनी एकादशी को मनोकामना पूर्ति की एकादशी के रूप में जानते है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन पड़ने वाली देवशयनी एकादशी के दिन मनोकामना पूर्ति के लिए किये गए उपाय फलीभूत होते हैं।इस महीने देवशयनी एकादशी 23 जुलाई 2018 (सोमवार) को है। देवशयनी एकादशी से कार्तिक माह के द्वादशी तक चतुर्मास माना जाता है। इस चातुर्मास के चार माह की अवधि में सभी शुभ कार्य निषेध होते हैं।

यहां होती है पेड़ों की पूजा, वजह सुनकर आप भी कहेंगे-‘वाह’ !

मधुर स्वर के लिए गुड़, लंबी आयु के लिए सरसों का तेल, शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए सरसों तेल और मीठा तेल, संतान प्रापि क लिए दूध, पाप मुक्ति के लिए उपवास।

देवशयनी एकादशी के दिन अगर आप निर्जला व्रत ना रख सकें तो कोशिश करें कि एक वक्त फलाहार कर सकें। घर में धन-धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक करें। इसके अतिरिक्त निम्न में कोई भी एक उपाय करें, आपके घर को हर प्रकार की परेशानी से मुक्ति मिलेगी और स्थायी लक्ष्मी का वास होगा।

सुबह-सुबह घर की साफ-सफाई के पश्चात मुख्य द्वार पर हल्दी का जल या गंगाजल का चिड़काव करें। "ॐ नमो नारायणाय" या "ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:" का 108 बार या एक तुलसी की माला जाप करें।

एकादशी की शाम में तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और "ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:" का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। इससे घर के सभी संकट और आने वाली परेशानियां टल जाती हैं।इस दिन भगवान विष्णु की पीले फूलों से पूजा करें और खीर में तुलसी मिलाकर भोग लगाएं। पीले रंग के फल, कपड़े और अनाज भी चढ़ाएं और बाद में गरीबों को दान कर दें।

इस दिन पीपल में जल अवश्य दें। इससे आपको हर प्रकार के कर्ज से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा माना गया है कि देवशयनी एकादशी के दिन पीपल में जल देने से कर्जों से छुटकारा मिलता है।इस दिन सुहागन स्त्रियों को फलाहार कराकर सुहाग की समग्री भेंट करना धन-समृद्धि तथा खुशियां लाता है। ऐसा ना कर पाने पर कम से कम अपने घर की स्त्री को कोई भी सुहाग का चिह्न भेंट करें।

देवशयनी एकादशी के दिन श्रीमद्भगवत कथा का पाठ करना या सुनना बेहद शुभ माना गया है। इसलिए इस दिन गीता पाठ करना या सुनना चाहिए। इसके अलावा चतुर्मास के सभी महीनों में, विशेषकर गुरुवार के दिन “ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:” का जाप करें और भगवान विष्णु के सभी नामों का स्मरण करें।

देवशयनी एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने से अचानक धन की प्राप्ति होती है। इस प्रकार आया धन हमेशा फलीभूत होता है।



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