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इस सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त व लग्न में करें मां लक्ष्मी-गणेश व कुबेर की पूजा
जयपुर: हिंदूओं के बड़े त्योहारों में से दीवाली एक है। दीवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 19 अक्टूबर 2017 को है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की मान्यता है।धर्म शास्त्रों में दीपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन में प्रदोष काल का भी खासमहत्व होता है। दिन-रात के संयोग को ही प्रदोष काल कहते है। इस बार शाम 5.43 से रात 8.16 तक प्रदोषकाल रहेगा। जिसमें लोग सुख-समृद्धि की कामना से लक्ष्मी, गणेश और कुबेर का पूजन कर सकेंगे। दीवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा शुभ मुहूर्त में ही की जानी चाहिए।
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इस दीवाली पूजा करने के लिए 3 शुभ मुहूर्त है। इन तीनों मुहूर्त में पूजा करने का अपना ही विशेष महत्व होता है। इन विशेष मुहूर्त में मां लक्ष्मी के साथ विष्णु, गणेश और कुबेर की पूजा भी की जा सकती है।
ये हैं शुभ मुहूर्त....
प्रदोष काल मुहूर्त ,मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05.43 से 08.16 तक, वृषभ काल: शाम 7.11 से 9.06 तक।
चौघड़िया पूजा मुहूर्त, सुबह: 6.28 से 7.53 , शाम: 4.19 से 8.55।
मंगलमयी चौघड़िया में इस समय पर पूजन करना उचित है -
प्रात: 06.00 से 07.30 तक,
दोपहर 12.00 से 01.30 तक,
दोपहर 01.30 से 03.30 तक,
शाम 04.30 से 06.00 तक,
शाम 06.00 से रात्रि 07.30 तक।
देर रात्रि में सिद्धि करने वालों के लिए
रात्रि 12.00 से रात्रि 01.30 तक।
महानिशिता काल मुहूर्त लक्ष्मी पूजा का अवधि- 51 मिनट महानिशिता काल- 11.40 से 12.31
दीवाली के दिन अमावस्या तिथि आरंभ 00:13 (19 अक्टूबर) पर होगी और अमावस्या तिथि समाप्त 00:41 (20 अक्टूबर) पर होगी।
लग्न के अनुसार...
कन्या लग्न प्रात:03.49 से 05.59 तक,
वृश्चिक लग्न सुबह 08.10 से 10.26 तक,
धनु लग्न सुबह 10.26 से दोपहर 12.32 तक,
कुंभ लग्न दोपहर 02.19 से 03.52 तक,
मेष लग्न शाम 05.23 से रात्रि 07.03 तक,
वृषभ लग्न रात्रि 07.03 से रात्रि 09.01 तक
देर रात्रि में सिद्धि करने वाले के लिए सिहं लग्न रात्रि 01.32 से रात्रि 03.44 तक।
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